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बिरजू महाराज शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम बिरजू महाराज
जन्म तिथि 4 : 2 : 1938 जन्म समय 22 : 15 : 0
जन्म स्थान Lucknow
लिंग पुरुष तिथि पंचमी
राशि मीन नक्षत्र उत्तरभाद्रपदा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती मीन 02/26/1937 04/27/1939 शिखर
2 साढ़े साती मेष 04/28/1939 06/18/1941 अस्त
3 साढ़े साती मेष 12/15/1941 03/03/1942 अस्त
4 छोटी पनौती मिथुन 08/06/1943 12/16/1943
5 छोटी पनौती मिथुन 04/24/1944 09/22/1945
6 छोटी पनौती मिथुन 12/22/1945 06/08/1946
7 छोटी पनौती तुला 11/26/1952 04/23/1953
8 छोटी पनौती तुला 08/21/1953 11/11/1955
9 साढ़े साती कुम्भ 01/28/1964 04/08/1966 उदय
10 साढ़े साती मीन 04/09/1966 11/02/1966 शिखर
11 साढ़े साती कुम्भ 11/03/1966 12/19/1966 उदय
12 साढ़े साती मीन 12/20/1966 06/16/1968 शिखर
13 साढ़े साती मेष 06/17/1968 09/27/1968 अस्त
14 साढ़े साती मीन 09/28/1968 03/07/1969 शिखर
15 साढ़े साती मेष 03/08/1969 04/27/1971 अस्त
16 छोटी पनौती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975
17 छोटी पनौती तुला 10/06/1982 12/20/1984
18 छोटी पनौती तुला 06/01/1985 09/16/1985
19 साढ़े साती कुम्भ 03/06/1993 10/15/1993 उदय
20 साढ़े साती कुम्भ 11/10/1993 06/01/1995 उदय
21 साढ़े साती मीन 06/02/1995 08/09/1995 शिखर
22 साढ़े साती कुम्भ 08/10/1995 02/16/1996 उदय
23 साढ़े साती मीन 02/17/1996 04/17/1998 शिखर
24 साढ़े साती मेष 04/18/1998 06/06/2000 अस्त
25 छोटी पनौती मिथुन 07/23/2002 01/08/2003
26 छोटी पनौती मिथुन 04/08/2003 09/05/2004
27 छोटी पनौती मिथुन 01/14/2005 05/25/2005
28 छोटी पनौती तुला 11/15/2011 05/15/2012
29 छोटी पनौती तुला 08/04/2012 11/02/2014
30 साढ़े साती कुम्भ 04/29/2022 07/12/2022 उदय
31 साढ़े साती कुम्भ 01/18/2023 03/29/2025 उदय
32 साढ़े साती मीन 03/30/2025 06/02/2027 शिखर
33 साढ़े साती मेष 06/03/2027 10/19/2027 अस्त
34 साढ़े साती मीन 10/20/2027 02/23/2028 शिखर
35 साढ़े साती मेष 02/24/2028 08/07/2029 अस्त
36 साढ़े साती मेष 10/06/2029 04/16/2030 अस्त
37 छोटी पनौती मिथुन 05/31/2032 07/12/2034
38 छोटी पनौती तुला 01/28/2041 02/05/2041
39 छोटी पनौती तुला 09/26/2041 12/11/2043
40 छोटी पनौती तुला 06/23/2044 08/29/2044
41 साढ़े साती कुम्भ 02/25/2052 05/14/2054 उदय
42 साढ़े साती मीन 05/15/2054 09/01/2054 शिखर
43 साढ़े साती कुम्भ 09/02/2054 02/05/2055 उदय
44 साढ़े साती मीन 02/06/2055 04/06/2057 शिखर

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में बिरजू महाराज को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे बिरजू महाराज के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी बिरजू महाराज को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। बिरजू महाराज को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा बिरजू महाराज अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः बिरजू महाराज को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान बिरजू महाराज सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। बिरजू महाराज को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। बिरजू महाराज की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए बिरजू महाराज को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो बिरजू महाराज संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही बिरजू महाराज को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में बिरजू महाराज की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना बिरजू महाराज को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद बिरजू महाराज कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और बिरजू महाराज को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। बिरजू महाराज की सोच नकारात्मक हो सकती है। बिरजू महाराज को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। बिरजू महाराज को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि बिरजू महाराज समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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