श्रेया सरन
Sep 11, 1982
12:00:00
Dehradun
78 E 3
30 N 19
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Shriya Saran एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Shriya Saran की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Shriya Saran अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Shriya Saran में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Shriya Saran जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Shriya Saran संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Shriya Saran को पता लगे कि Shriya Saran का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Shriya Saran तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Shriya Saran के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Shriya Saran के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Shriya Saran के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Shriya Saran सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Shriya Saran अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Shriya Saran को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Shriya Saran को यह मानकर चलना चाहिए कि Shriya Saran को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Shriya Saran वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Shriya Saran सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Shriya Saran के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Shriya Saran को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Shriya Saran को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण Shriya Saran अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। Shriya Saran व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में Shriya Saran ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और Shriya Saran को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।Shriya Saran के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से Shriya Saran किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि Shriya Saran उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी Shriya Saran को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। Shriya Saran अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना Shriya Saran को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर Shriya Saran अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है Shriya Saran को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से Shriya Saran की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण Shriya Saran अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार Shriya Saran को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना Shriya Saran उम्मीद करते हैं, लेकिन Shriya Saran के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही Shriya Saran को जीवन में सफल बनाएगी।
Shriya Saran अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से Shriya Saran को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो Shriya Saran उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। Shriya Saran का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही Shriya Saran के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।