बिरजू महाराज
Feb 4, 1938
22:15:00
Lucknow
80 E 54
26 N 50
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
प्रेम सम्बन्धों में भी बिरजू महाराज उतने ही ऊर्जावान होंगे, जितने कि बिरजू महाराज काम एवं खेल में हैं। एक बार बिरजू महाराज प्यार में पड़ गये, तो बिरजू महाराज अपने चहेते को प्रतिपल अपने पास रखना चाहेंगे। हालांकि बिरजू महाराज अपने कार्य की अनदेखी नहीं करेंगे, परन्तु एक बार वो खत्म हो गया तो बिरजू महाराज अपने प्रिय से मिलने को निकल पड़ेंगे। जब बिरजू महाराज का विवाह हो जाएगा तो बिरजू महाराज अपने घर पर अधिक ध्यान देंगे। बिरजू महाराज अक्सर जीवनसाथी की व्यापारिक मामलों में मदद करेंगे।
बिरजू महाराज की स्वास्थ्य-संरचना बहुत अच्छी है, लेकिन बिरजू महाराज स्नायु-विकार एवं अपच से पीडि़त रह सकते हैं। पहले का कारण बिरजू महाराज की जरूरत से ज्यादा संवेदनशील प्रकृति है। बिरजू महाराज अपेक्षाकृत शीघ्रता से अपनी जीवन-ऊर्जा खो देते है और वह जीवन, बिरजू महाराज जिसका आनन्द लेते हैं, इसमें बिरजू महाराज की कोई मदद नहीं करता। अति भोग, अपच का मुख्य कारण है। अपच का मुख्य कारण अधिकता में लिया गया भोजन है। जो बिरजू महाराज खाते हैं, या तो वह बहुत भारी होता है या दिन में बहुत देरी से लिया हुआ होता है।
पठन, चित्रकारी, नाटक और इसी तरह के समय बिताने के वेतरीके, जिसमें कलात्मक व साहित्यिक सोच की आवश्यकता हो; बिरजू महाराज के दिमाग में घरकरेंगे। इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा, यदि बिरजू महाराज के अन्दर आध्यात्मिकता या पराविद्याके प्रति रुचि जागृत हो। यात्रा से जुड़ी सभी वस्तुएं बिरजू महाराज को आकर्षित करतीहैं, चाहे वह ज़मीन हो, समुद्र या हवा हो। क्रिकेट एवं फुटबाॅल जैसे खेलों के लिये बिरजू महाराज के पास बहुत कम समय होगा। यद्यपि, बिरजू महाराज के पास टेबिल-टेनिस, कैरम,बैडमिण्टन जैसे ‘इन्डोर‘ खेलों में बिरजू महाराज की अभिरुचि होगी।