जितेंद्र
Apr 7, 1942
12:0:0
Amritsar
74 E 56
31 N 35
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जितेंद्र कार्यालय की राजनीति से दूर रहना पसन्द करते हैं और पद के लिये लड़ना जितेंद्र को पसन्द नहीं है। ऐसी स्थितियां ढूंढें जहां जितेंद्र अकेले एवं अपनी पसन्द का कार्य अपनी गति से कर सकें। जैसे लेखन, चित्रकारी और कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग इत्यादि।
जितेंद्र का मानवीय स्वभाव और दूसरों के दुःख-दर्द दूर करने की इच्छा के कारण चिकित्सा कार्यक्षेत्र या ‘नर्सिंग‘ (यदि जितेंद्र स्त्री हैं) जितेंद्र के लिये उपयुक्त है। इन दोनों में ही जितेंद्र अपनी आकांक्षा को प्राप्त कर पाएंगे और संसार में निश्चय ही अच्छा एवं उपयोगी कार्य कर पाएंगे। यदि जितेंद्र ये कार्यक्षेत्र नहीं भी अपना पाते हैं, तो भी जितेंद्र के मिजाज के अनुरूप अन्य कई सम्भावनाएं हैं। एक शिक्षक के तौर पर जितेंद्र बहुत अच्छा कार्य कर सकते हैं। एक प्रबन्धक के तौर पर जितेंद्र अपने कर्तव्यों का निर्वाहन ठीक ढंग से कर पाएंगे औैर जितेंद्र के सहकर्मी जितेंद्र के आदेशानुसार कार्य करेंगे,क्योंकि वे जानते हैं कि जितेंद्र एक अच्छे मित्र हैं। इसके अलावा भी जितेंद्र विभिन्न कार्यक्षेत्रों में अच्छा जीवन यापन कर सकते हैं, मुख्यतः साहित्यिक एवं कलात्मक अभिव्यक्ति, जिसका मिश्रण जितेंद्र को एक बेहतर लेखक बनाता है। जितेंद्र टीवी और फिल्म के लिये एक बेहतर अभिनेता भी हो सकते हैं। यदि जितेंद्र इस तरह के कार्य क्षेत्रों का चुनाव करते हैं, तो जितेंद्र अपने धन व समय को सामाजिक कार्यों में भी लगाएंगे।
जितेंद्र की आर्थिक स्थिति बहुत ही विरोधाभासी होगी। पहले तो जितेंद्र का भाग्य बहुत अच्छा चलेगा, किन्तु बाद में उतने ही समय के लिये बिल्कुल विपरीत दिशा में चलेगा और कुछ भी ठीक न होता हुआ प्रतीत होगा। जितेंद्र को को सभी प्रकार के जुए व सट्टेबाजी से दूर रहना चाहिए और अपने खर्चीले स्वभाव पर नियन्त्र रखना चाहिए। जितेंद्र धन सम्बन्धी अनिश्चित परिस्थितियों में फंस सकते हैं। जितेंद्र आरम्भिक स्थिति में कुछ धन प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन जितेंद्र उसे रोक नहीं पाते हैं। जितेंद्र के विचार व युक्तियाँ जितेंद्र की पीढी से आगे के होते हैं। जितेंद्र को अनिश्चितताओं में लिप्त होने में आनन्द आता है, परन्तु अन्त में ये जितेंद्र को नुकसान देंगे। विद्युत, वायरलॅस, रेडियो, टीवी, चलचित्र, भवन-निर्माण वसाथ ही साहित्य या अन्य कोई कल्पनाशील रचना आदि से जुड़े हुए विचार जितेंद्र के लिये श्रेष्ठ हैं।