मुग्धा गोडसे
Jul 26, 1986
12:00:00
Pune
73 E 58
18 N 34
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
मुग्धा गोडसे के अनुसार विवाह जीवन का हिस्सा है, जिसे घटित होना ही है। साधारणतः मुग्धा गोडसे विवाह-बन्धन से अधिक मित्रता को मानते। सामान्यतः, मुग्धा गोडसे प्रेम पत्र नहीं लिखेंगे और जितना कम रोमांस मुग्धा गोडसे के प्रेम प्रसंग में आएगा, उतना ही अच्छा है। पर इससे ये निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए कि विवाह के प्रति मुग्धा गोडसे का दृष्टिकोण सम्बन्ध-विच्छेद से प्रभावित है। इसके विपरीत यदि एक बार मुग्धा गोडसे विवाह बन्धन में बंध गये, तो मुग्धा गोडसे इस सम्बन्ध को सामंजस्यव मानवतापूर्ण बनाने का प्रयास करेंगे, जोकि विवाह के कई सालों बाद भी जारी रहेगा।
सबसे ऊपर मुग्धा गोडसे अत्यधिक कार्य और अत्यधिक चिन्ता से दूर रहें। मुग्धा गोडसे इन दोनों से ग्रसित हो सकते हैं, मुग्धा गोडसे की प्रकृति इस प्रकार है कि मुग्धा गोडसे के लिये ये खासे खतरनाक हैं। पर्याप्त नींद लें व ध्यान रखें कि सोते समय अधिक न सोचें। अपने मस्तिष्क को विचार-शून्य रखने का यत्न करें। यदि सम्भव हो तो सप्ताहान्त को आराम के लिये प्रयोग करें, न कि सप्ताह के शेष कार्यों को निपटाने में। अत्यधिक उत्तेजना निश्चित तौर पर मुग्धा गोडसे के लिये खराब है व जल्दबाजी मुग्धा गोडसे के लिये अपेक्षाकृत ज्यादा खराब है। अतः मुग्धा गोडसे शान्तिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास करें। मुग्धा गोडसे को फालतू चिन्ता नहीं करनी चाहिए। मुग्धा गोडसे को तीस की आयु के बाद अनिद्रा,न्यूरेल्जिया, सरदर्द, नेत्र-तनाव आदि रोग हो सकते हैं।
मुग्धा गोडसे के कई शौक हैं और मुग्धा गोडसे इन शौकों से ओत-प्रोत हैं। परन्तु अचानक ही मुग्धा गोडसे धैर्य खो देते हैं व उन्हें एक तरफ कर देते हैं । फिर मुग्धा गोडसे कोई नया शौक चुन लेते हैं और उसका भी यही हश्र होता है। मुग्धा गोडसे जीवन को इसी तरह से जीते जाते हैं। सारांशतः मुग्धा गोडसे की अभिरुचियां मुग्धा गोडसे को पर्याप्त आनन्द देती हैं, साथ ही मुग्धा गोडसे को बहुत कुछ सीखने का मौका भी देती हैं।