पंकज त्रिपाठी
Sep 5, 1976
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Belsand
85 E 25
26 N 27
5.5
Dirty Data
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
पंकज त्रिपाठी जीवन को सिर्फ अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, पंकज त्रिपाठी की आयु जैसे-जैसे बढ़ेगी, पंकज त्रिपाठी को अपने सुख और दुःख बांटने के लिये एक जीवनसाथी की आवश्यकता महसूस होगी। पंकज त्रिपाठी ‘अपने-घर‘ के सिद्धान्त को मानते हैं और विवाह को इसके क्रियान्वयन का मुख्य साधन मानते हैं। पंकज त्रिपाठी का घर पंकज त्रिपाठी के लिये ईश्वर-स्वरूप होगा। पंकज त्रिपाठी सदैव अपने बच्चों की चाहत रखेंगे, क्योंकि उनके बगैर पंकज त्रिपाठी कभी भी पूूर्णरूप से खुश नहीं रह पाएंगे। निश्चित तौर पर पंकज त्रिपाठी प्रेम के लिये विवाह करेंगे पर जैसे-जैसे समय बीतता जाएगा, पंकज त्रिपाठी अपने जीवनसाथी के बारे में ज्यादा से ज्यादा सोचना आरम्भ कर देंगे। और अन्त में ऐसा समय आएगा, जहां पंकज त्रिपाठी के लिये अपने जीवनसाथी से एक या दो दिन के लिये भी अलग रहना सम्भव नहीं होगा।
यह कहना ठीक नहीं होगा कि पंकज त्रिपाठी हृष्ट-पुष्ट हैं। लेकिन इसका कोई कारण नहीं है कि पंकज त्रिपाठी दीर्घायु नहीं हो सकतेय बस थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। दो रोग ध्यान देने योग्य हैं - अपच व गठिया। अपच से बचने के लिसे भोजन लेते वक्त जल्दबाजी न करें तथा शान्ति पूर्वक भोजन लें। साथ हीे भोजन को सही समय पर लें। गठिया से बचने के लिये ध्यान रखें कि पंकज त्रिपाठी अपने जोड़ों को आर्द्र वायु, ठण्डी हवाओं और गीलेपन आदि से दूर रखें।
पंकज त्रिपाठी मानसिक रुचियों से समृद्ध हैं एवं व्यवस्थित कला पंकज त्रिपाठी के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। पंकज त्रिपाठी अवकाश की योजना बनाने में अधिक आनन्द महसूस करते हैं, अपेक्षाकृत कि वास्तविक अवकाश पर जाने में। पंकज त्रिपाठी पुस्तकों और अध्ययन से प्रेम करते हैं एवं संग्रहालय में घूमने का मजा उठाते हैं। पंकज त्रिपाठी का पुरानी वस्तुओं की ओर विशेष झुकाव है, खासकर कि अत्यधिक प्राचीन वस्तुओं की ओर।