नाव | देवदत्त पडिक्कल | ||
जन्मदिवस | 7 : 7 : 2000 | जन्मवेळ | 0 : 0 : 0 |
जन्मस्थान | Edapal, Malappuram | ||
लिंग | पुस्र्ष | तिथी | षष्ठी |
राशि | सिंह | नक्षत्र | उ0फाल्गुनी |
एस.एन. | साडे साती/ पानोती | शनि राशी | आरंभ तारीख | अंतिम तारीख | कला |
1 | साडे साती | कर्क | 09/06/2004 | 01/13/2005 | आरोहित |
2 | साडे साती | कर्क | 05/26/2005 | 10/31/2006 | आरोहित |
3 | साडे साती | सिंह | 11/01/2006 | 01/10/2007 | शिखर |
4 | साडे साती | कर्क | 01/11/2007 | 07/15/2007 | आरोहित |
5 | साडे साती | सिंह | 07/16/2007 | 09/09/2009 | शिखर |
6 | साडे साती | कन्या | 09/10/2009 | 11/14/2011 | अस्त पावणारा |
7 | साडे साती | कन्या | 05/16/2012 | 08/03/2012 | अस्त पावणारा |
8 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 11/03/2014 | 01/26/2017 | |
9 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 06/21/2017 | 10/26/2017 | |
10 | छोटी पानोती | मीन | 03/30/2025 | 06/02/2027 | |
11 | छोटी पानोती | मीन | 10/20/2027 | 02/23/2028 | |
12 | साडे साती | कर्क | 07/13/2034 | 08/27/2036 | आरोहित |
13 | साडे साती | सिंह | 08/28/2036 | 10/22/2038 | शिखर |
14 | साडे साती | कन्या | 10/23/2038 | 04/05/2039 | अस्त पावणारा |
15 | साडे साती | सिंह | 04/06/2039 | 07/12/2039 | शिखर |
16 | साडे साती | कन्या | 07/13/2039 | 01/27/2041 | अस्त पावणारा |
17 | साडे साती | कन्या | 02/06/2041 | 09/25/2041 | अस्त पावणारा |
18 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 12/12/2043 | 06/22/2044 | |
19 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 08/30/2044 | 12/07/2046 | |
20 | छोटी पानोती | मीन | 05/15/2054 | 09/01/2054 | |
21 | छोटी पानोती | मीन | 02/06/2055 | 04/06/2057 | |
22 | साडे साती | कर्क | 08/24/2063 | 02/05/2064 | आरोहित |
23 | साडे साती | कर्क | 05/10/2064 | 10/12/2065 | आरोहित |
24 | साडे साती | सिंह | 10/13/2065 | 02/03/2066 | शिखर |
25 | साडे साती | कर्क | 02/04/2066 | 07/02/2066 | आरोहित |
26 | साडे साती | सिंह | 07/03/2066 | 08/29/2068 | शिखर |
27 | साडे साती | कन्या | 08/30/2068 | 11/04/2070 | अस्त पावणारा |
28 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 02/06/2073 | 03/30/2073 | |
29 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 10/24/2073 | 01/16/2076 | |
30 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 07/11/2076 | 10/11/2076 | |
31 | छोटी पानोती | मीन | 03/20/2084 | 05/21/2086 | |
32 | छोटी पानोती | मीन | 11/10/2086 | 02/07/2087 | |
33 | साडे साती | कर्क | 07/03/2093 | 08/18/2095 | आरोहित |
34 | साडे साती | सिंह | 08/19/2095 | 10/11/2097 | शिखर |
35 | साडे साती | कन्या | 10/12/2097 | 05/02/2098 | अस्त पावणारा |
36 | साडे साती | सिंह | 05/03/2098 | 06/19/2098 | शिखर |
37 | साडे साती | कन्या | 06/20/2098 | 12/25/2099 | अस्त पावणारा |
38 | साडे साती | कन्या | 03/18/2100 | 09/16/2100 | अस्त पावणारा |
39 | छोटी पानोती | वृश्चिक | 12/03/2102 | 11/29/2105 | |
40 | छोटी पानोती | मीन | 05/03/2113 | 09/21/2113 | |
41 | छोटी पानोती | मीन | 01/26/2114 | 03/29/2116 |
देवदत्त पडिक्कलचा शनि साडेसातीचा आरंभ काल आहे. या काळात शनि चंद्रातून बाराव्या घरात संक्रमण करेल. ह्याची लक्षणे असतात आर्थिक नुकसान, लुप्त वैर्यांकडून धोके, दिशाहीन प्रवास, वाद आणी आर्थिक दुर्बल्य. ह्या कालावधीत देवदत्त पडिक्कलचे गुप्त दुश्मन त्रास निर्माण करतील. सहकार्यांशी नाती बिघडतील, देवदत्त पडिक्कलचा कार्यात सहकारी विघ्ने आणतील. कौटुंबिक पातळीवर देखील अडचणी येतील. याने ताण तणाव वाढेल. खर्चावर ताबा ठेवला नाही तर मोठी आर्थिक संकटे उद्भवतील. लांबचे प्रवास या काळात उपयुक्त ठरणार नाहीत. शनीचा स्वभाव विलंब व दुखः देणारा आहे परंतु अखेरीस फळ मिळेल त्यामुळे धीर बाळगून वात पहावी. ही शिकण्याची संधी समजून कार्य करत राहावे - सर्व काही ठीक होईल. या काळात धंद्यामध्ये अवास्तव जोखीम घेऊ नये.
देवदत्त पडिक्कलचा शनि साडेसातीचा उच्च बिंदू आहे. साधारणतः शनिची ही दशा सर्वात कठीण असते. चंद्रातून संक्रमण करणाऱ्या शनिची लक्षणे आहेत - आरोग्य विकार, चरित्र्यहनन, नात्यांतील अडचणी, मानसिक तक्रारी व दुःखं. या कालावधीत यश मिळणे कठीण होईल. परिश्रमांचे फळ मिळणार नाही व कुचंबणा होईल. देवदत्त पडिक्कलची घडण व प्रतिकारशक्ती कमकुवत असेल. पहिले घर आरोग्याचे घर असल्यामुळे नियमित व्यायाम करणे व आरोग्याची काळजी घेणे आवश्यक आहे, अन्यथा दीर्घकालीन आजारांना बळी पडाल. अवसादावस्था, भिती व भयगंड यांना सामोरे जावे लगेल. चोख विचार, कार्य व निर्णय घेण्याच्या क्षमतेत पारदर्शकता राहणार नाही. देवदत्त पडिक्कलचा कल अध्यात्मिक बाबींकडे वळेल आणी निसर्गातील गूढ तुम्हाला आकर्षित करतील. सर्व स्वीकार करण्याची वृत्ती बाळगली तर या सर्वातून ताराल.
हा शनि साडेसातीची मावळती दशा आहे. शनि चंद्रातून दुसऱ्या घरात प्रवेश करेल, जेणेकरून आर्थिक व घरगुती संकटे उद्भवतील. साडेसातीच्या दोन दशा संपल्यानंतर काहीसा आराम मिळेल. तरीही, गैरसमज व आर्थिक तणाव कायम राहतील. खर्च वाढतच राहतील व देवदत्त पडिक्कलला त्यावर ताबा ठेवावा लगेल. अचानक आर्थिक झटका बसण्याचा किंवा चोरी होण्याचा देखील संभव आहे. निराशावादी असाल, तर नैराश्य झटकून उत्साहाने व्यवहार करा. कुटुंबाकडे नीट लक्ष ठेवा अन्यथा मोठे त्रास उद्भवू शकतील. विद्यार्थ्यांसाठी - शिक्षणावर किंचित परिणाम होईल. पूर्वी सारखे गुण मिळवण्यासाठी अधिक परिश्रम घ्यावे लागतील. फळ मिळण्यास विलंब होईल. हा काळ धोक्याचा आहे - विशेष करून वाहन चालवताना काळजी घ्यावी. शक्य असल्यास, शनीला खूष ठेवण्यासाठी मासाहारी पदार्थ व मद्यपान टाळावे. समजुतदारपणे आर्थिक व कौटुंबिक बाबी हाताळल्यास ह्या काळातून सुखरूप पार पडाल.