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भास्करबुवा बखले शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम भास्करबुवा बखले
जन्म तिथि 17 : 10 : 1869 जन्म समय 22 : 49 : 0
जन्म स्थान Kathor
लिंग पुरुष तिथि त्रयोदशी
राशि मीन नक्षत्र पूर्वभाद्रपदा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती कुम्भ 03/26/1875 08/23/1875 उदय
2 साढ़े साती कुम्भ 12/21/1875 03/06/1878 उदय
3 साढ़े साती मीन 03/07/1878 05/05/1880 शिखर
4 साढ़े साती मेष 05/06/1880 12/14/1880 अस्त
5 साढ़े साती मीन 12/15/1880 01/02/1881 शिखर
6 साढ़े साती मेष 01/03/1881 06/29/1882 अस्त
7 साढ़े साती मेष 11/21/1882 03/19/1883 अस्त
8 छोटी पनौती मिथुन 08/20/1884 11/23/1884
9 छोटी पनौती मिथुन 05/06/1885 10/18/1886
10 छोटी पनौती मिथुन 11/20/1886 06/18/1887
11 छोटी पनौती तुला 12/07/1893 04/04/1894
12 छोटी पनौती तुला 09/02/1894 11/18/1896
13 साढ़े साती कुम्भ 02/05/1905 04/19/1907 उदय
14 साढ़े साती मीन 04/20/1907 10/07/1907 शिखर
15 साढ़े साती कुम्भ 10/08/1907 01/10/1908 उदय
16 साढ़े साती मीन 01/11/1908 07/08/1909 शिखर
17 साढ़े साती मेष 07/09/1909 09/01/1909 अस्त
18 साढ़े साती मीन 09/02/1909 03/18/1910 शिखर
19 साढ़े साती मेष 03/19/1910 05/07/1912 अस्त
20 छोटी पनौती मिथुन 06/21/1914 08/01/1916
21 छोटी पनौती तुला 10/16/1923 12/31/1926
22 छोटी पनौती तुला 05/14/1926 09/29/1926
23 साढ़े साती कुम्भ 03/16/1934 09/13/1934 उदय
24 साढ़े साती कुम्भ 12/08/1934 02/25/1937 उदय
25 साढ़े साती मीन 02/26/1937 04/27/1939 शिखर
26 साढ़े साती मेष 04/28/1939 06/18/1941 अस्त
27 साढ़े साती मेष 12/15/1941 03/03/1942 अस्त
28 छोटी पनौती मिथुन 08/06/1943 12/16/1943
29 छोटी पनौती मिथुन 04/24/1944 09/22/1945
30 छोटी पनौती मिथुन 12/22/1945 06/08/1946
31 छोटी पनौती तुला 11/26/1952 04/23/1953
32 छोटी पनौती तुला 08/21/1953 11/11/1955
33 साढ़े साती कुम्भ 01/28/1964 04/08/1966 उदय
34 साढ़े साती मीन 04/09/1966 11/02/1966 शिखर
35 साढ़े साती कुम्भ 11/03/1966 12/19/1966 उदय
36 साढ़े साती मीन 12/20/1966 06/16/1968 शिखर
37 साढ़े साती मेष 06/17/1968 09/27/1968 अस्त
38 साढ़े साती मीन 09/28/1968 03/07/1969 शिखर
39 साढ़े साती मेष 03/08/1969 04/27/1971 अस्त
40 छोटी पनौती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975
41 छोटी पनौती तुला 10/06/1982 12/20/1984
42 छोटी पनौती तुला 06/01/1985 09/16/1985

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में भास्करबुवा बखले को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे भास्करबुवा बखले के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी भास्करबुवा बखले को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। भास्करबुवा बखले को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा भास्करबुवा बखले अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः भास्करबुवा बखले को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान भास्करबुवा बखले सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। भास्करबुवा बखले को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। भास्करबुवा बखले की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए भास्करबुवा बखले को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो भास्करबुवा बखले संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही भास्करबुवा बखले को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में भास्करबुवा बखले की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना भास्करबुवा बखले को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद भास्करबुवा बखले कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और भास्करबुवा बखले को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। भास्करबुवा बखले की सोच नकारात्मक हो सकती है। भास्करबुवा बखले को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। भास्करबुवा बखले को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि भास्करबुवा बखले समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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