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चिरंजीवी शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम चिरंजीवी
जन्म तिथि 22 : 8 : 1955 जन्म समय 10 : 15 : 0
जन्म स्थान Narasapur
लिंग पुरुष तिथि पंचमी
राशि कन्या नक्षत्र चित्रा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती तुला 08/21/1953 11/11/1955 अस्त
2 छोटी पनौती धनु 02/08/1958 06/01/1958
3 छोटी पनौती धनु 11/08/1958 02/01/1961
4 छोटी पनौती धनु 09/18/1961 10/07/1961
5 छोटी पनौती मेष 06/17/1968 09/27/1968
6 छोटी पनौती मेष 03/08/1969 04/27/1971
7 साढ़े साती सिंह 09/07/1977 11/03/1979 उदय
8 साढ़े साती कन्या 11/04/1979 03/14/1980 शिखर
9 साढ़े साती सिंह 03/15/1980 07/26/1980 उदय
10 साढ़े साती कन्या 07/27/1980 10/05/1982 शिखर
11 साढ़े साती तुला 10/06/1982 12/20/1984 अस्त
12 साढ़े साती तुला 06/01/1985 09/16/1985 अस्त
13 छोटी पनौती धनु 12/17/1987 03/20/1990
14 छोटी पनौती धनु 06/21/1990 12/14/1990
15 छोटी पनौती मेष 04/18/1998 06/06/2000
16 साढ़े साती सिंह 11/01/2006 01/10/2007 उदय
17 साढ़े साती सिंह 07/16/2007 09/09/2009 उदय
18 साढ़े साती कन्या 09/10/2009 11/14/2011 शिखर
19 साढ़े साती तुला 11/15/2011 05/15/2012 अस्त
20 साढ़े साती कन्या 05/16/2012 08/03/2012 शिखर
21 साढ़े साती तुला 08/04/2012 11/02/2014 अस्त
22 छोटी पनौती धनु 01/27/2017 06/20/2017
23 छोटी पनौती धनु 10/27/2017 01/23/2020
24 छोटी पनौती मेष 06/03/2027 10/19/2027
25 छोटी पनौती मेष 02/24/2028 08/07/2029
26 छोटी पनौती मेष 10/06/2029 04/16/2030
27 साढ़े साती सिंह 08/28/2036 10/22/2038 उदय
28 साढ़े साती कन्या 10/23/2038 04/05/2039 शिखर
29 साढ़े साती सिंह 04/06/2039 07/12/2039 उदय
30 साढ़े साती कन्या 07/13/2039 01/27/2041 शिखर
31 साढ़े साती तुला 01/28/2041 02/05/2041 अस्त
32 साढ़े साती कन्या 02/06/2041 09/25/2041 शिखर
33 साढ़े साती तुला 09/26/2041 12/11/2043 अस्त
34 साढ़े साती तुला 06/23/2044 08/29/2044 अस्त
35 छोटी पनौती धनु 12/08/2046 03/06/2049
36 छोटी पनौती धनु 07/10/2049 12/03/2049
37 छोटी पनौती मेष 04/07/2057 05/27/2059
38 साढ़े साती सिंह 10/13/2065 02/03/2066 उदय
39 साढ़े साती सिंह 07/03/2066 08/29/2068 उदय
40 साढ़े साती कन्या 08/30/2068 11/04/2070 शिखर
41 साढ़े साती तुला 11/05/2070 02/05/2073 अस्त
42 साढ़े साती तुला 03/31/2073 10/23/2073 अस्त

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में चिरंजीवी को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे चिरंजीवी के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी चिरंजीवी को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। चिरंजीवी को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा चिरंजीवी अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः चिरंजीवी को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान चिरंजीवी सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। चिरंजीवी को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। चिरंजीवी की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए चिरंजीवी को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो चिरंजीवी संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही चिरंजीवी को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में चिरंजीवी की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना चिरंजीवी को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद चिरंजीवी कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और चिरंजीवी को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। चिरंजीवी की सोच नकारात्मक हो सकती है। चिरंजीवी को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। चिरंजीवी को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि चिरंजीवी समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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