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दोरई गुरुवायूर शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम दोरई गुरुवायूर
जन्म तिथि 2 : 7 : 1935 जन्म समय 4 : 45 : 0
जन्म स्थान Nemmara
लिंग पुरुष तिथि द्वितीया
राशि मिथुन नक्षत्र पुनर्वसु
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती वृषभ 06/19/1941 12/14/1941 उदय
2 साढ़े साती वृषभ 03/04/1942 08/05/1943 उदय
3 साढ़े साती मिथुन 08/06/1943 12/16/1943 शिखर
4 साढ़े साती वृषभ 12/17/1943 04/23/1944 उदय
5 साढ़े साती मिथुन 04/24/1944 09/22/1945 शिखर
6 साढ़े साती कर्क 09/23/1945 12/21/1945 अस्त
7 साढ़े साती मिथुन 12/22/1945 06/08/1946 शिखर
8 साढ़े साती कर्क 06/09/1946 07/26/1948 अस्त
9 छोटी पनौती कन्या 09/20/1950 11/25/1952
10 छोटी पनौती कन्या 04/24/1953 08/20/1953
11 छोटी पनौती मकर 02/02/1961 09/17/1961
12 छोटी पनौती मकर 10/08/1961 01/27/1964
13 साढ़े साती वृषभ 04/28/1971 06/10/1973 उदय
14 साढ़े साती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975 शिखर
15 साढ़े साती कर्क 07/24/1975 09/06/1977 अस्त
16 छोटी पनौती कन्या 11/04/1979 03/14/1980
17 छोटी पनौती कन्या 07/27/1980 10/05/1982
18 छोटी पनौती मकर 03/21/1990 06/20/1990
19 छोटी पनौती मकर 12/15/1990 03/05/1993
20 छोटी पनौती मकर 10/16/1993 11/09/1993
21 साढ़े साती वृषभ 06/07/2000 07/22/2002 उदय
22 साढ़े साती मिथुन 07/23/2002 01/08/2003 शिखर
23 साढ़े साती वृषभ 01/09/2003 04/07/2003 उदय
24 साढ़े साती मिथुन 04/08/2003 09/05/2004 शिखर
25 साढ़े साती कर्क 09/06/2004 01/13/2005 अस्त
26 साढ़े साती मिथुन 01/14/2005 05/25/2005 शिखर
27 साढ़े साती कर्क 05/26/2005 10/31/2006 अस्त
28 साढ़े साती कर्क 01/11/2007 07/15/2007 अस्त
29 छोटी पनौती कन्या 09/10/2009 11/14/2011
30 छोटी पनौती कन्या 05/16/2012 08/03/2012
31 छोटी पनौती मकर 01/24/2020 04/28/2022
32 छोटी पनौती मकर 07/13/2022 01/17/2023
33 साढ़े साती वृषभ 08/08/2029 10/05/2029 उदय
34 साढ़े साती वृषभ 04/17/2030 05/30/2032 उदय
35 साढ़े साती मिथुन 05/31/2032 07/12/2034 शिखर
36 साढ़े साती कर्क 07/13/2034 08/27/2036 अस्त
37 छोटी पनौती कन्या 10/23/2038 04/05/2039
38 छोटी पनौती कन्या 07/13/2039 01/27/2041
39 छोटी पनौती कन्या 02/06/2041 09/25/2041
40 छोटी पनौती मकर 03/07/2049 07/09/2049
41 छोटी पनौती मकर 12/04/2049 02/24/2052

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में दोरई गुरुवायूर को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे दोरई गुरुवायूर के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी दोरई गुरुवायूर को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। दोरई गुरुवायूर को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा दोरई गुरुवायूर अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः दोरई गुरुवायूर को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान दोरई गुरुवायूर सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। दोरई गुरुवायूर को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। दोरई गुरुवायूर की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए दोरई गुरुवायूर को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो दोरई गुरुवायूर संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही दोरई गुरुवायूर को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में दोरई गुरुवायूर की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना दोरई गुरुवायूर को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद दोरई गुरुवायूर कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और दोरई गुरुवायूर को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। दोरई गुरुवायूर की सोच नकारात्मक हो सकती है। दोरई गुरुवायूर को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। दोरई गुरुवायूर को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि दोरई गुरुवायूर समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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