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जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी
जन्म तिथि 14 : 1 : 1950 जन्म समय 22 : 35 : 0
जन्म स्थान Jaunpur
लिंग पुरुष तिथि द्वादशी
राशि वृश्चिक नक्षत्र अनुराधा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती तुला 11/26/1952 04/23/1953 उदय
2 साढ़े साती तुला 08/21/1953 11/11/1955 उदय
3 साढ़े साती वृश्चिक 11/12/1955 02/07/1958 शिखर
4 साढ़े साती धनु 02/08/1958 06/01/1958 अस्त
5 साढ़े साती वृश्चिक 06/02/1958 11/07/1958 शिखर
6 साढ़े साती धनु 11/08/1958 02/01/1961 अस्त
7 साढ़े साती धनु 09/18/1961 10/07/1961 अस्त
8 छोटी पनौती कुम्भ 01/28/1964 04/08/1966
9 छोटी पनौती कुम्भ 11/03/1966 12/19/1966
10 छोटी पनौती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975
11 साढ़े साती तुला 10/06/1982 12/20/1984 उदय
12 साढ़े साती वृश्चिक 12/21/1984 05/31/1985 शिखर
13 साढ़े साती तुला 06/01/1985 09/16/1985 उदय
14 साढ़े साती वृश्चिक 09/17/1985 12/16/1987 शिखर
15 साढ़े साती धनु 12/17/1987 03/20/1990 अस्त
16 साढ़े साती धनु 06/21/1990 12/14/1990 अस्त
17 छोटी पनौती कुम्भ 03/06/1993 10/15/1993
18 छोटी पनौती कुम्भ 11/10/1993 06/01/1995
19 छोटी पनौती कुम्भ 08/10/1995 02/16/1996
20 छोटी पनौती मिथुन 07/23/2002 01/08/2003
21 छोटी पनौती मिथुन 04/08/2003 09/05/2004
22 छोटी पनौती मिथुन 01/14/2005 05/25/2005
23 साढ़े साती तुला 11/15/2011 05/15/2012 उदय
24 साढ़े साती तुला 08/04/2012 11/02/2014 उदय
25 साढ़े साती वृश्चिक 11/03/2014 01/26/2017 शिखर
26 साढ़े साती धनु 01/27/2017 06/20/2017 अस्त
27 साढ़े साती वृश्चिक 06/21/2017 10/26/2017 शिखर
28 साढ़े साती धनु 10/27/2017 01/23/2020 अस्त
29 छोटी पनौती कुम्भ 04/29/2022 07/12/2022
30 छोटी पनौती कुम्भ 01/18/2023 03/29/2025
31 छोटी पनौती मिथुन 05/31/2032 07/12/2034
32 साढ़े साती तुला 01/28/2041 02/05/2041 उदय
33 साढ़े साती तुला 09/26/2041 12/11/2043 उदय
34 साढ़े साती वृश्चिक 12/12/2043 06/22/2044 शिखर
35 साढ़े साती तुला 06/23/2044 08/29/2044 उदय
36 साढ़े साती वृश्चिक 08/30/2044 12/07/2046 शिखर
37 साढ़े साती धनु 12/08/2046 03/06/2049 अस्त
38 साढ़े साती धनु 07/10/2049 12/03/2049 अस्त
39 छोटी पनौती कुम्भ 02/25/2052 05/14/2054
40 छोटी पनौती कुम्भ 09/02/2054 02/05/2055
41 छोटी पनौती मिथुन 07/11/2061 02/13/2062
42 छोटी पनौती मिथुन 03/07/2062 08/23/2063
43 छोटी पनौती मिथुन 02/06/2064 05/09/2064

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी की सोच नकारात्मक हो सकती है। जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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