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जयराम शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम जयराम
जन्म तिथि 10 : 12 : 1965 जन्म समय 12 : 0 : 0
जन्म स्थान Perumbavoor
लिंग पुरुष तिथि द्वितीया
राशि मिथुन नक्षत्र आर्द्रा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती वृषभ 04/28/1971 06/10/1973 उदय
2 साढ़े साती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975 शिखर
3 साढ़े साती कर्क 07/24/1975 09/06/1977 अस्त
4 छोटी पनौती कन्या 11/04/1979 03/14/1980
5 छोटी पनौती कन्या 07/27/1980 10/05/1982
6 छोटी पनौती मकर 03/21/1990 06/20/1990
7 छोटी पनौती मकर 12/15/1990 03/05/1993
8 छोटी पनौती मकर 10/16/1993 11/09/1993
9 साढ़े साती वृषभ 06/07/2000 07/22/2002 उदय
10 साढ़े साती मिथुन 07/23/2002 01/08/2003 शिखर
11 साढ़े साती वृषभ 01/09/2003 04/07/2003 उदय
12 साढ़े साती मिथुन 04/08/2003 09/05/2004 शिखर
13 साढ़े साती कर्क 09/06/2004 01/13/2005 अस्त
14 साढ़े साती मिथुन 01/14/2005 05/25/2005 शिखर
15 साढ़े साती कर्क 05/26/2005 10/31/2006 अस्त
16 साढ़े साती कर्क 01/11/2007 07/15/2007 अस्त
17 छोटी पनौती कन्या 09/10/2009 11/14/2011
18 छोटी पनौती कन्या 05/16/2012 08/03/2012
19 छोटी पनौती मकर 01/24/2020 04/28/2022
20 छोटी पनौती मकर 07/13/2022 01/17/2023
21 साढ़े साती वृषभ 08/08/2029 10/05/2029 उदय
22 साढ़े साती वृषभ 04/17/2030 05/30/2032 उदय
23 साढ़े साती मिथुन 05/31/2032 07/12/2034 शिखर
24 साढ़े साती कर्क 07/13/2034 08/27/2036 अस्त
25 छोटी पनौती कन्या 10/23/2038 04/05/2039
26 छोटी पनौती कन्या 07/13/2039 01/27/2041
27 छोटी पनौती कन्या 02/06/2041 09/25/2041
28 छोटी पनौती मकर 03/07/2049 07/09/2049
29 छोटी पनौती मकर 12/04/2049 02/24/2052
30 साढ़े साती वृषभ 05/28/2059 07/10/2061 उदय
31 साढ़े साती मिथुन 07/11/2061 02/13/2062 शिखर
32 साढ़े साती वृषभ 02/14/2062 03/06/2062 उदय
33 साढ़े साती मिथुन 03/07/2062 08/23/2063 शिखर
34 साढ़े साती कर्क 08/24/2063 02/05/2064 अस्त
35 साढ़े साती मिथुन 02/06/2064 05/09/2064 शिखर
36 साढ़े साती कर्क 05/10/2064 10/12/2065 अस्त
37 साढ़े साती कर्क 02/04/2066 07/02/2066 अस्त
38 छोटी पनौती कन्या 08/30/2068 11/04/2070
39 छोटी पनौती मकर 01/15/2079 04/11/2081
40 छोटी पनौती मकर 08/03/2081 01/06/2082

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में जयराम को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे जयराम के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी जयराम को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। जयराम को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा जयराम अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः जयराम को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान जयराम सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। जयराम को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। जयराम की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए जयराम को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो जयराम संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही जयराम को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में जयराम की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना जयराम को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद जयराम कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और जयराम को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। जयराम की सोच नकारात्मक हो सकती है। जयराम को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। जयराम को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि जयराम समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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