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लछु महाराज शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम लछु महाराज
जन्म तिथि 1 : 9 : 1901 जन्म समय 17 : 0 : 0
जन्म स्थान Lucknow
लिंग पुरुष तिथि तृतीया
राशि मीन नक्षत्र रेवती
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती कुम्भ 02/05/1905 04/19/1907 उदय
2 साढ़े साती मीन 04/20/1907 10/07/1907 शिखर
3 साढ़े साती कुम्भ 10/08/1907 01/10/1908 उदय
4 साढ़े साती मीन 01/11/1908 07/08/1909 शिखर
5 साढ़े साती मेष 07/09/1909 09/01/1909 अस्त
6 साढ़े साती मीन 09/02/1909 03/18/1910 शिखर
7 साढ़े साती मेष 03/19/1910 05/07/1912 अस्त
8 छोटी पनौती मिथुन 06/21/1914 08/01/1916
9 छोटी पनौती तुला 10/16/1923 12/31/1926
10 छोटी पनौती तुला 05/14/1926 09/29/1926
11 साढ़े साती कुम्भ 03/16/1934 09/13/1934 उदय
12 साढ़े साती कुम्भ 12/08/1934 02/25/1937 उदय
13 साढ़े साती मीन 02/26/1937 04/27/1939 शिखर
14 साढ़े साती मेष 04/28/1939 06/18/1941 अस्त
15 साढ़े साती मेष 12/15/1941 03/03/1942 अस्त
16 छोटी पनौती मिथुन 08/06/1943 12/16/1943
17 छोटी पनौती मिथुन 04/24/1944 09/22/1945
18 छोटी पनौती मिथुन 12/22/1945 06/08/1946
19 छोटी पनौती तुला 11/26/1952 04/23/1953
20 छोटी पनौती तुला 08/21/1953 11/11/1955
21 साढ़े साती कुम्भ 01/28/1964 04/08/1966 उदय
22 साढ़े साती मीन 04/09/1966 11/02/1966 शिखर
23 साढ़े साती कुम्भ 11/03/1966 12/19/1966 उदय
24 साढ़े साती मीन 12/20/1966 06/16/1968 शिखर
25 साढ़े साती मेष 06/17/1968 09/27/1968 अस्त
26 साढ़े साती मीन 09/28/1968 03/07/1969 शिखर
27 साढ़े साती मेष 03/08/1969 04/27/1971 अस्त
28 छोटी पनौती मिथुन 06/11/1973 07/23/1975
29 छोटी पनौती तुला 10/06/1982 12/20/1984
30 छोटी पनौती तुला 06/01/1985 09/16/1985
31 साढ़े साती कुम्भ 03/06/1993 10/15/1993 उदय
32 साढ़े साती कुम्भ 11/10/1993 06/01/1995 उदय
33 साढ़े साती मीन 06/02/1995 08/09/1995 शिखर
34 साढ़े साती कुम्भ 08/10/1995 02/16/1996 उदय
35 साढ़े साती मीन 02/17/1996 04/17/1998 शिखर
36 साढ़े साती मेष 04/18/1998 06/06/2000 अस्त
37 छोटी पनौती मिथुन 07/23/2002 01/08/2003
38 छोटी पनौती मिथुन 04/08/2003 09/05/2004
39 छोटी पनौती मिथुन 01/14/2005 05/25/2005
40 छोटी पनौती तुला 11/15/2011 05/15/2012
41 छोटी पनौती तुला 08/04/2012 11/02/2014

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में लछु महाराज को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे लछु महाराज के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी लछु महाराज को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। लछु महाराज को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा लछु महाराज अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः लछु महाराज को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान लछु महाराज सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। लछु महाराज को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। लछु महाराज की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए लछु महाराज को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो लछु महाराज संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही लछु महाराज को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में लछु महाराज की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना लछु महाराज को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद लछु महाराज कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और लछु महाराज को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। लछु महाराज की सोच नकारात्मक हो सकती है। लछु महाराज को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। लछु महाराज को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि लछु महाराज समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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