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सुलोचना शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम सुलोचना
जन्म तिथि 30 : 7 : 1929 जन्म समय 6 : 30 : 0
जन्म स्थान Kolhapur
लिंग स्त्री तिथि नवमी
राशि मेष नक्षत्र भरणी
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती मीन 02/26/1937 04/27/1939 उदय
2 साढ़े साती मेष 04/28/1939 06/18/1941 शिखर
3 साढ़े साती वृषभ 06/19/1941 12/14/1941 अस्त
4 साढ़े साती मेष 12/15/1941 03/03/1942 शिखर
5 साढ़े साती वृषभ 03/04/1942 08/05/1943 अस्त
6 साढ़े साती वृषभ 12/17/1943 04/23/1944 अस्त
7 छोटी पनौती कर्क 09/23/1945 12/21/1945
8 छोटी पनौती कर्क 06/09/1946 07/26/1948
9 छोटी पनौती वृश्चिक 11/12/1955 02/07/1958
10 छोटी पनौती वृश्चिक 06/02/1958 11/07/1958
11 साढ़े साती मीन 04/09/1966 11/02/1966 उदय
12 साढ़े साती मीन 12/20/1966 06/16/1968 उदय
13 साढ़े साती मेष 06/17/1968 09/27/1968 शिखर
14 साढ़े साती मीन 09/28/1968 03/07/1969 उदय
15 साढ़े साती मेष 03/08/1969 04/27/1971 शिखर
16 साढ़े साती वृषभ 04/28/1971 06/10/1973 अस्त
17 छोटी पनौती कर्क 07/24/1975 09/06/1977
18 छोटी पनौती वृश्चिक 12/21/1984 05/31/1985
19 छोटी पनौती वृश्चिक 09/17/1985 12/16/1987
20 साढ़े साती मीन 06/02/1995 08/09/1995 उदय
21 साढ़े साती मीन 02/17/1996 04/17/1998 उदय
22 साढ़े साती मेष 04/18/1998 06/06/2000 शिखर
23 साढ़े साती वृषभ 06/07/2000 07/22/2002 अस्त
24 साढ़े साती वृषभ 01/09/2003 04/07/2003 अस्त
25 छोटी पनौती कर्क 09/06/2004 01/13/2005
26 छोटी पनौती कर्क 05/26/2005 10/31/2006
27 छोटी पनौती कर्क 01/11/2007 07/15/2007
28 छोटी पनौती वृश्चिक 11/03/2014 01/26/2017
29 छोटी पनौती वृश्चिक 06/21/2017 10/26/2017
30 साढ़े साती मीन 03/30/2025 06/02/2027 उदय
31 साढ़े साती मेष 06/03/2027 10/19/2027 शिखर
32 साढ़े साती मीन 10/20/2027 02/23/2028 उदय
33 साढ़े साती मेष 02/24/2028 08/07/2029 शिखर
34 साढ़े साती वृषभ 08/08/2029 10/05/2029 अस्त
35 साढ़े साती मेष 10/06/2029 04/16/2030 शिखर
36 साढ़े साती वृषभ 04/17/2030 05/30/2032 अस्त
37 छोटी पनौती कर्क 07/13/2034 08/27/2036
38 छोटी पनौती वृश्चिक 12/12/2043 06/22/2044
39 छोटी पनौती वृश्चिक 08/30/2044 12/07/2046

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में सुलोचना को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे सुलोचना के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी सुलोचना को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। सुलोचना को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा सुलोचना अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः सुलोचना को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान सुलोचना सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। सुलोचना को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। सुलोचना की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए सुलोचना को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो सुलोचना संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही सुलोचना को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में सुलोचना की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना सुलोचना को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद सुलोचना कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और सुलोचना को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। सुलोचना की सोच नकारात्मक हो सकती है। सुलोचना को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। सुलोचना को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि सुलोचना समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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