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विजयकांत शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम विजयकांत
जन्म तिथि 25 : 8 : 1952 जन्म समय 12 : 0 : 0
जन्म स्थान Madurai
लिंग पुरुष तिथि पंचमी
राशि तुला नक्षत्र चित्रा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 साढ़े साती कन्या 09/20/1950 11/25/1952 उदय
2 साढ़े साती तुला 11/26/1952 04/23/1953 शिखर
3 साढ़े साती कन्या 04/24/1953 08/20/1953 उदय
4 साढ़े साती तुला 08/21/1953 11/11/1955 शिखर
5 साढ़े साती वृश्चिक 11/12/1955 02/07/1958 अस्त
6 साढ़े साती वृश्चिक 06/02/1958 11/07/1958 अस्त
7 छोटी पनौती मकर 02/02/1961 09/17/1961
8 छोटी पनौती मकर 10/08/1961 01/27/1964
9 छोटी पनौती वृषभ 04/28/1971 06/10/1973
10 साढ़े साती कन्या 11/04/1979 03/14/1980 उदय
11 साढ़े साती कन्या 07/27/1980 10/05/1982 उदय
12 साढ़े साती तुला 10/06/1982 12/20/1984 शिखर
13 साढ़े साती वृश्चिक 12/21/1984 05/31/1985 अस्त
14 साढ़े साती तुला 06/01/1985 09/16/1985 शिखर
15 साढ़े साती वृश्चिक 09/17/1985 12/16/1987 अस्त
16 छोटी पनौती मकर 03/21/1990 06/20/1990
17 छोटी पनौती मकर 12/15/1990 03/05/1993
18 छोटी पनौती मकर 10/16/1993 11/09/1993
19 छोटी पनौती वृषभ 06/07/2000 07/22/2002
20 छोटी पनौती वृषभ 01/09/2003 04/07/2003
21 साढ़े साती कन्या 09/10/2009 11/14/2011 उदय
22 साढ़े साती तुला 11/15/2011 05/15/2012 शिखर
23 साढ़े साती कन्या 05/16/2012 08/03/2012 उदय
24 साढ़े साती तुला 08/04/2012 11/02/2014 शिखर
25 साढ़े साती वृश्चिक 11/03/2014 01/26/2017 अस्त
26 साढ़े साती वृश्चिक 06/21/2017 10/26/2017 अस्त
27 छोटी पनौती मकर 01/24/2020 04/28/2022
28 छोटी पनौती मकर 07/13/2022 01/17/2023
29 छोटी पनौती वृषभ 08/08/2029 10/05/2029
30 छोटी पनौती वृषभ 04/17/2030 05/30/2032
31 साढ़े साती कन्या 10/23/2038 04/05/2039 उदय
32 साढ़े साती कन्या 07/13/2039 01/27/2041 उदय
33 साढ़े साती तुला 01/28/2041 02/05/2041 शिखर
34 साढ़े साती कन्या 02/06/2041 09/25/2041 उदय
35 साढ़े साती तुला 09/26/2041 12/11/2043 शिखर
36 साढ़े साती वृश्चिक 12/12/2043 06/22/2044 अस्त
37 साढ़े साती तुला 06/23/2044 08/29/2044 शिखर
38 साढ़े साती वृश्चिक 08/30/2044 12/07/2046 अस्त
39 छोटी पनौती मकर 03/07/2049 07/09/2049
40 छोटी पनौती मकर 12/04/2049 02/24/2052
41 छोटी पनौती वृषभ 05/28/2059 07/10/2061
42 छोटी पनौती वृषभ 02/14/2062 03/06/2062
43 साढ़े साती कन्या 08/30/2068 11/04/2070 उदय

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में विजयकांत को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे विजयकांत के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी विजयकांत को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। विजयकांत को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा विजयकांत अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः विजयकांत को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान विजयकांत सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। विजयकांत को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। विजयकांत की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए विजयकांत को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो विजयकांत संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही विजयकांत को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में विजयकांत की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना विजयकांत को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद विजयकांत कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और विजयकांत को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। विजयकांत की सोच नकारात्मक हो सकती है। विजयकांत को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। विजयकांत को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि विजयकांत समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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