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विनय पाठक शनि साढ़ेसाती रिपोर्ट

नाम विनय पाठक
जन्म तिथि 12 : 7 : 1968 जन्म समय 12 : 0 : 0
जन्म स्थान Bhojpur
लिंग पुरुष तिथि तृतीया
राशि मकर नक्षत्र धनिष्ठा
क्र.सं साढ़ेसाती / पनौती शनि राशि आरंभ दिनांक अंत दिनांक चरण
1 छोटी पनौती मेष 06/17/1968 09/27/1968
2 छोटी पनौती मेष 03/08/1969 04/27/1971
3 छोटी पनौती सिंह 09/07/1977 11/03/1979
4 छोटी पनौती सिंह 03/15/1980 07/26/1980
5 साढ़े साती धनु 12/17/1987 03/20/1990 उदय
6 साढ़े साती मकर 03/21/1990 06/20/1990 शिखर
7 साढ़े साती धनु 06/21/1990 12/14/1990 उदय
8 साढ़े साती मकर 12/15/1990 03/05/1993 शिखर
9 साढ़े साती कुम्भ 03/06/1993 10/15/1993 अस्त
10 साढ़े साती मकर 10/16/1993 11/09/1993 शिखर
11 साढ़े साती कुम्भ 11/10/1993 06/01/1995 अस्त
12 साढ़े साती कुम्भ 08/10/1995 02/16/1996 अस्त
13 छोटी पनौती मेष 04/18/1998 06/06/2000
14 छोटी पनौती सिंह 11/01/2006 01/10/2007
15 छोटी पनौती सिंह 07/16/2007 09/09/2009
16 साढ़े साती धनु 01/27/2017 06/20/2017 उदय
17 साढ़े साती धनु 10/27/2017 01/23/2020 उदय
18 साढ़े साती मकर 01/24/2020 04/28/2022 शिखर
19 साढ़े साती कुम्भ 04/29/2022 07/12/2022 अस्त
20 साढ़े साती मकर 07/13/2022 01/17/2023 शिखर
21 साढ़े साती कुम्भ 01/18/2023 03/29/2025 अस्त
22 छोटी पनौती मेष 06/03/2027 10/19/2027
23 छोटी पनौती मेष 02/24/2028 08/07/2029
24 छोटी पनौती मेष 10/06/2029 04/16/2030
25 छोटी पनौती सिंह 08/28/2036 10/22/2038
26 छोटी पनौती सिंह 04/06/2039 07/12/2039
27 साढ़े साती धनु 12/08/2046 03/06/2049 उदय
28 साढ़े साती मकर 03/07/2049 07/09/2049 शिखर
29 साढ़े साती धनु 07/10/2049 12/03/2049 उदय
30 साढ़े साती मकर 12/04/2049 02/24/2052 शिखर
31 साढ़े साती कुम्भ 02/25/2052 05/14/2054 अस्त
32 साढ़े साती कुम्भ 09/02/2054 02/05/2055 अस्त
33 छोटी पनौती मेष 04/07/2057 05/27/2059
34 छोटी पनौती सिंह 10/13/2065 02/03/2066
35 छोटी पनौती सिंह 07/03/2066 08/29/2068
36 साढ़े साती धनु 01/17/2076 07/10/2076 उदय
37 साढ़े साती धनु 10/12/2076 01/14/2079 उदय
38 साढ़े साती मकर 01/15/2079 04/11/2081 शिखर
39 साढ़े साती कुम्भ 04/12/2081 08/02/2081 अस्त
40 साढ़े साती मकर 08/03/2081 01/06/2082 शिखर
41 साढ़े साती कुम्भ 01/07/2082 03/19/2084 अस्त
42 छोटी पनौती मेष 05/22/2086 11/09/2086

शनि साढ़े साती: उदय चरण

यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर है। इस दौरान शनि चन्द्र से बारहवें भाव में स्थित होगा। आम तौर पर यह आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुक़सान, नुरुद्देश्य यात्रा, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। इस कालखण्ड में विनय पाठक को गुप्त शत्रुओं द्वारा पैदा की हुई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सहकर्मियों से संबंध अच्छे नहीं रहेंगे और वे विनय पाठक के कार्यक्षेत्र में बाधाएँ खड़ी कर सकते हैं। घरेलू मामलों में भी विनय पाठक को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके चलते तनाव और दबाव की स्थिति पैदा होगी। विनय पाठक को अपने ख़र्चों पर नियन्त्रण करने की आवश्यकता है, अन्यथा विनय पाठक अधिक बड़े आर्थिक संकट में फँस सकते हैं। इस दौरान लम्बी दूरी की यात्राएँ फलदायी नहीं रहेंगी। शनि का स्वभाव विलम्ब और तनाव पैदा करने का है। हालाँकि अन्ततः विनय पाठक को परिणाम ज़रूर मिलेगा। इसलिए धैर्य रखें और सही समय की प्रतीक्षा करें। इस दौर को सीखने का समय समझें और कड़ी मेहनत करें, परिस्थितियाँ स्वतः सही होती चली जाएंगी। इस समय व्यवसाय में कोई भी बड़ा ख़तरा या चुनौती न मोल लें।

शनि साढ़े साती: शिखर चरण

यह शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः यह दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय चन्द्र पर गोचर करता हुआ शनि स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, चरित्र-हनन की कोशिश, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख की ओर संकेत करता है। इस दौरान विनय पाठक सफलता पाने में कठिनाई महसूस करेंगे। विनय पाठक को अपनी कड़ी मेहनत का परिणाम नहीं मिलेगा और ख़ुद को बंधा हुआ अनुभव करेंगे। विनय पाठक की सेहत और प्रतिरक्षा-तन्त्र पर्याप्त सशक्त नहीं होंगे। क्योंकि पहला भाव स्वास्थ्य को दर्शाता है इसलिए विनय पाठक को नियमित व्यायाम और अपनी सेहत का ख़ास ख़याल रखने की ज़रूरत है, नहीं तो विनय पाठक संक्रामक रोगों की चपेट में आ सकते हैं। साथ ही विनय पाठक को मानसिक अवसाद और अज्ञात भय या फ़ोबिया आदि का सामना भी करना पड़ सकता है। संभव है कि इस काल-खण्ड में विनय पाठक की सोच, कार्य और निर्णय करने की क्षमता में स्पष्टता का अभाव रहे। संतोषपूर्वक परिस्थितियों को स्वीकार करना और मूलभूत काम ठीक तरह से करना विनय पाठक को इस संकट की घड़ी से निकाल सकता है।

शनि साढ़े साती: अस्त चरण

यह शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। इस समय शनि चन्द्र से दूसरे भाव में गोचर कर रहा होगा, जो व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। साढ़े साती के दो मुश्किल चरणों से गुज़रने के बाद विनय पाठक कुछ राहत महसूस करने लगेंगे। फिर भी इस दौरान ग़लतफ़हमी आर्थिक दबाव देखा जा सकता है। व्यय में वृद्धि होगी और विनय पाठक को इसपर लगाम लगाने की अब भी ज़रूरत है। अचानक हुई आर्थिक हानि और चोरी की संभावना को भी इस दौरान नहीं नकारा जा सकता है। विनय पाठक की सोच नकारात्मक हो सकती है। विनय पाठक को उत्साह के साथ परिस्थितियों का सामना करना चाहिए। विनय पाठक को व्यक्तिगत और पारिवारिक तौर पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, नहीं तो बड़ी परेशानियाँ पैदा हो सकती हैं। विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई-लिखाई पर थोड़ा नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और उन्हें पिछले स्तर पर बने रहने के लिए अधिक परिश्रम की ज़रूरत होगी। परिणाम धीरे-धीरे और प्रायः हमेशा विलम्ब से प्राप्त होंगे। यह काल-खण्ड ख़तरे को भी दर्शाता है, अतः गाड़ी चलाते समय विशेष सावधानी अपेक्षित है। यदि संभव हो तो मांसाहार और मदिरापान से दूर रहकर शनि को प्रसन्न रखें। यदि विनय पाठक समझदारी से काम लेंगे, तो घरेलू व आर्थिक मामलों में आने वाली परेशानियों को भली-भांति हल करने में सफल रहेंगे।

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