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अहिल्याबाई होळकर के बारे में / अहिल्याबाई होळकर की जीवनी

अहिल्याबाई होलकर Horoscope and Astrology
नाम:

अहिल्याबाई होलकर

जन्म तिथि:

May 31, 1725

जन्म समय:

12:0:0

जन्म स्थान:

Chaundi Jamkhed

रेखांश:

75 E 24

अक्षांश:

18 N 44

टाइम ज़ोन:

5.5

सूचना स्रोत:

Unknown

एस्ट्रोसेज रेटिंग:

अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)


अहिल्याबाई होळकर के बारे में/ अहिल्याबाई होळकर कौन हैं?

Maharani Ahilya Bai Holkar was the Holkar Queen of the Maratha ruled Malwa kingdom, India. Rajmata Ahilyabai was born in the village of Chondi(चोंडी) in Jamkhed, Ahmednagar, Maharashtra. She moved the capital to Maheshwar south of Indore on the Narmada River.

अहिल्याबाई होळकर का जन्म किस साल में हुआ था?

साल 1725

अहिल्याबाई होळकर की जन्म तिथि क्या है?

उनकी जन्म तिथि Thursday, May 31, 1725 है।

अहिल्याबाई होळकर का जन्म कहाँ हुआ था?

Chaundi Jamkhed

अहिल्याबाई होळकर की उम्र कितनी है?

अहिल्याबाई होळकर की उम्र 300 वर्ष है।

अहिल्याबाई होळकर का जन्म कब हुआ था?

Thursday, May 31, 1725

अहिल्याबाई होळकर की राष्ट्रीयता क्या है?

यह जानकारी उपलब्ध नहीं है।

अहिल्याबाई होळकर का चरित्र राशिफल

अहिल्याबाई होळकर एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, अहिल्याबाई होळकर की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। अहिल्याबाई होळकर अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण अहिल्याबाई होळकर में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण अहिल्याबाई होळकर जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।अहिल्याबाई होळकर संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि अहिल्याबाई होळकर को पता लगे कि अहिल्याबाई होळकर का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो अहिल्याबाई होळकर तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।अहिल्याबाई होळकर के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि अहिल्याबाई होळकर के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। अहिल्याबाई होळकर के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि अहिल्याबाई होळकर सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु अहिल्याबाई होळकर अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः अहिल्याबाई होळकर को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। अहिल्याबाई होळकर को यह मानकर चलना चाहिए कि अहिल्याबाई होळकर को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।अहिल्याबाई होळकर वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। अहिल्याबाई होळकर सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। अहिल्याबाई होळकर के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह अहिल्याबाई होळकर को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन अहिल्याबाई होळकर को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।

अहिल्याबाई होळकर का सौभाग्य व संतुष्टि राशिफल

कम समय में अधिक की लालसा के कारण अहिल्याबाई होळकर अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। अहिल्याबाई होळकर व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में अहिल्याबाई होळकर ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और अहिल्याबाई होळकर को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।अहिल्याबाई होळकर के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से अहिल्याबाई होळकर किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि अहिल्याबाई होळकर उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी अहिल्याबाई होळकर को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। अहिल्याबाई होळकर अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना अहिल्याबाई होळकर को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर अहिल्याबाई होळकर अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है अहिल्याबाई होळकर को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से अहिल्याबाई होळकर की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण अहिल्याबाई होळकर अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार अहिल्याबाई होळकर को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना अहिल्याबाई होळकर उम्मीद करते हैं, लेकिन अहिल्याबाई होळकर के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही अहिल्याबाई होळकर को जीवन में सफल बनाएगी।

अहिल्याबाई होळकर का जीवन शैली राशिफल

अहिल्याबाई होळकर की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि अहिल्याबाई होळकर को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु अहिल्याबाई होळकर का ऐसा सोचना सही नहीे है, अहिल्याबाई होळकर उस दिशा में तभी जाएं यदि अहिल्याबाई होळकर को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।

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