बदरुद्दीन तैयबजी
Oct 10, 1844
12:00:00
Mumbai
72 E 50
18 N 58
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
बद्रुद्दीन तैय्यबजी एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, बद्रुद्दीन तैय्यबजी की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। बद्रुद्दीन तैय्यबजी अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण बद्रुद्दीन तैय्यबजी में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण बद्रुद्दीन तैय्यबजी जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।बद्रुद्दीन तैय्यबजी संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि बद्रुद्दीन तैय्यबजी को पता लगे कि बद्रुद्दीन तैय्यबजी का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो बद्रुद्दीन तैय्यबजी तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।बद्रुद्दीन तैय्यबजी के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि बद्रुद्दीन तैय्यबजी के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। बद्रुद्दीन तैय्यबजी के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि बद्रुद्दीन तैय्यबजी सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु बद्रुद्दीन तैय्यबजी अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः बद्रुद्दीन तैय्यबजी को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। बद्रुद्दीन तैय्यबजी को यह मानकर चलना चाहिए कि बद्रुद्दीन तैय्यबजी को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।बद्रुद्दीन तैय्यबजी वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। बद्रुद्दीन तैय्यबजी सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। बद्रुद्दीन तैय्यबजी के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह बद्रुद्दीन तैय्यबजी को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन बद्रुद्दीन तैय्यबजी को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
बद्रुद्दीन तैय्यबजी को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और बद्रुद्दीन तैय्यबजी को अधिक की उम्मीद रहती है। बद्रुद्दीन तैय्यबजी के इतने परेशान रहने के कारण बद्रुद्दीन तैय्यबजी को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। बद्रुद्दीन तैय्यबजी बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में बद्रुद्दीन तैय्यबजी परेशानी महसूस करते हैं। यदि बद्रुद्दीन तैय्यबजी अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।बद्रुद्दीन तैय्यबजी एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना बद्रुद्दीन तैय्यबजी को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव बद्रुद्दीन तैय्यबजी की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण बद्रुद्दीन तैय्यबजी की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही बद्रुद्दीन तैय्यबजी शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। बद्रुद्दीन तैय्यबजी के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और बद्रुद्दीन तैय्यबजी की कल्पनाशीलता बद्रुद्दीन तैय्यबजी को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि बद्रुद्दीन तैय्यबजी को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब बद्रुद्दीन तैय्यबजी अध्ययन करने बैठें तो बद्रुद्दीन तैय्यबजी को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और बद्रुद्दीन तैय्यबजी की स्मरण शक्ति भी बद्रुद्दीन तैय्यबजी की मदद करे। यदि बद्रुद्दीन तैय्यबजी मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, बद्रुद्दीन तैय्यबजी अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
बद्रुद्दीन तैय्यबजी की सफलता में बद्रुद्दीन तैय्यबजी के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए बद्रुद्दीन तैय्यबजी अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।