भारतेंदु हरिश्चंद्र
Sep 9, 1850
4:35:00
Varanasi
83 E 0
25 N 20
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
भरतेंदू हरिश्चंद्र एक ऊर्जावान व्यक्ति हैं और तब तक संतुष्ट नहीं होते जब तक क्रियाशील न हों। भरतेंदू हरिश्चंद्र मानसिक एवं शारीरिक रूप से शक्तिशाली एवं काम के लिये उत्साह से भरपूर हैं। भरतेंदू हरिश्चंद्र के अन्दर असीम साहस है एवं यह सभी गुण भरतेंदू हरिश्चंद्र के जीवन को बहुआयामी बनाते हैं। भरतेंदू हरिश्चंद्र एक जगह ही सिर्फ इसलिये ही नहीं रुक सकते क्योंकि भरतेंदू हरिश्चंद्र ने उस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया था। अगर भरतेंदू हरिश्चंद्र को सही लगता है तो भरतेंदू हरिश्चंद्र अपना काम, मित्र, रुचियां या कुछ भी बदलने मे नहीं हिचकिचाते। दुर्भाग्यवश भरतेंदू हरिश्चंद्र परिवर्तन के सभी पहलुओ का अध्ययन नहीं कर पाते और यह जल्दबाजी भरतेंदू हरिश्चंद्र को प्रायः मुसीबत में डालती है। फिर भी भरतेंदू हरिश्चंद्र के अन्दर साहस है, भरतेंदू हरिश्चंद्र जन्मजात रूप से मुसीबतों से लड़ने वाले हैं। यह सब मिलाकर भरतेंदू हरिश्चंद्र को अन्त में सफलता दिलाते हैं।ऐसा प्रतीत नहीं होता कि जीवन में भरतेंदू हरिश्चंद्र को असीम धन की प्राप्ति होगी परन्तु धन केवल तभी उपयोगी होता है जब वह भरतेंदू हरिश्चंद्र को सुख दिला सके और उस सुख से भरतेंदू हरिश्चंद्र जीवन का सम्पूर्ण आनन्द ले सकें।यह मानने के अनेक कारण हैं कि भरतेंदू हरिश्चंद्र जगह-जगह की सैर करेंगे और सम्भवतः अत्यधिक विश्व भ्रमण करेंगे। भरतेंदू हरिश्चंद्र को देश के विभिन्न हिस्सों में पद प्राप्त होंगे। भरतेंदू हरिश्चंद्र को अपने व्यवसाय के कारण भ्रमण अधिक करना पड़ेगा।हमारी सलाह है कि भरतेंदू हरिश्चंद्र को अपने अन्दर धैर्य विकसित करने का प्रयास करना चाहिये और भरतेंदू हरिश्चंद्र को किसी भी नये व्यवसाय को प्रारम्भ करने से पहले उस पर होने वाले खर्च का पूरा अध्ययन कर लेना चाहिये। यह कुछ छोटी बातें है परन्तु भरतेंदू हरिश्चंद्र की सफलता को खराब कर सकते हैं। साथ ही, परिवर्तन से बचें खासकर की 35 की उम्र के बाद।
भरतेंदू हरिश्चंद्र की भावनाएं और विचार सुसामंजस्यपूर्ण हैं, जो कि वास्तविकता पर भरतेंदू हरिश्चंद्र की पकड़ मजबूत बनाते हैं। भरतेंदू हरिश्चंद्र बहुत व्यावहारिक हैं, स्वयं को समझ सकते हैं एवं भरतेंदू हरिश्चंद्र जो कहना चाहते हैं, युक्तिपूर्ण तरीके से कह सकते हैं। भरतेंदू हरिश्चंद्र अपनी अन्तः प्रकृति में झांककर अपने अन्दर छुपे असंतोष के कारण को देख सकते हैं व उसे व्यक्त भी कर सकते हैं। हांलाकि भरतेंदू हरिश्चंद्र व्यर्थ की चिंता करते हैं, इधर-उधर की बातों में समय नष्ट करते हैं और स्वयं के लिये भी दूसरों के समान ही आलोचक होते हैं।भरतेंदू हरिश्चंद्र एक मेहनती और कुशाग्र बुद्धि के स्वामी हैं और भरतेंदू हरिश्चंद्र जो प्राप्त करना चाहते हैं उसके लिए भरतेंदू हरिश्चंद्र परिश्रम करेंगे और किसी भी हद तक मेहनत कर सकते हैं। भरतेंदू हरिश्चंद्र की तीव्र बुद्धि भरतेंदू हरिश्चंद्र को अपने क्षेत्र में सबसे आगे रखेगी और मेहनत के कारण भरतेंदू हरिश्चंद्र हर विषय में पारंगत हो जाएंगे। भरतेंदू हरिश्चंद्र को शास्त्रों में भी रुचि होगी और जीवन की सच्चाई से जुड़े विषय भी भरतेंदू हरिश्चंद्र को अपनी ओर खींचेंगे। भरतेंदू हरिश्चंद्र अपने जीवन में सभी सुखों को प्राप्त कर एक अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहते हैं और भरतेंदू हरिश्चंद्र जानते हैं कि उसके लिए क्या-क्या आवश्यक है। इसी वजह से भरतेंदू हरिश्चंद्र अपनी शिक्षा को ही बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे और भरतेंदू हरिश्चंद्र की मेहनत भरतेंदू हरिश्चंद्र को आगे बढ़ाएगी। कभी-कभी भरतेंदू हरिश्चंद्र क्रोध में आकर अपना ही नुकसान कर बैठते हैं, शिक्षा के मामले में भरतेंदू हरिश्चंद्र को इससे बचकर रहना होगा क्योंकि एकाग्रता खोने के कारण भरतेंदू हरिश्चंद्र को समस्या हो सकती है। हालांकि भरतेंदू हरिश्चंद्र का तेज दिमाग भरतेंदू हरिश्चंद्र को सिरमौर बनाएगा।
भरतेंदू हरिश्चंद्र इस बात का अत्यन्त ध्यान रखते हैं कि अन्य लोग भरतेंदू हरिश्चंद्र की बौद्धिक क्षमता का सम्मान किस तरह करते हैं और भरतेंदू हरिश्चंद्र सम्मान पाने की दिशा में ही प्रयास करते हैं।