भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी
Nov 26, 1953
12:00:00
Borsad
72 E 59
22 N 24
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी का व्यवहार भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी की सबसे बड़ी कमजोरी है। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को अधिक की उम्मीद रहती है। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी के इतने परेशान रहने के कारण भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी परेशानी महसूस करते हैं। यदि भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी की कल्पनाशीलता भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी अध्ययन करने बैठें तो भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी की स्मरण शक्ति भी भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी की मदद करे। यदि भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
लोग यह कहते हैं कि हर सफल व्यक्ति के पीछे उससे प्रेम करने वाले का हाथ होता है, यह कहावत भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी पर पूर्णतः चरितार्थ होती है। भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी का जीवनसाथी भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी के उद्देश्य प्राप्ति में भरतसिंह माधवसिंह सोलंकी को प्रेरित करेगा।