सी शंकरन नायर
Jul 11, 1857
12:00:00
Malabar
72 E 48
18 N 57
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
सी. शंकरन नायर एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, सी. शंकरन नायर की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। सी. शंकरन नायर अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण सी. शंकरन नायर में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण सी. शंकरन नायर जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।सी. शंकरन नायर संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि सी. शंकरन नायर को पता लगे कि सी. शंकरन नायर का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो सी. शंकरन नायर तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।सी. शंकरन नायर के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि सी. शंकरन नायर के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। सी. शंकरन नायर के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि सी. शंकरन नायर सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु सी. शंकरन नायर अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः सी. शंकरन नायर को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। सी. शंकरन नायर को यह मानकर चलना चाहिए कि सी. शंकरन नायर को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।सी. शंकरन नायर वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। सी. शंकरन नायर सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। सी. शंकरन नायर के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह सी. शंकरन नायर को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन सी. शंकरन नायर को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
सी. शंकरन नायर को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और सी. शंकरन नायर को अधिक की उम्मीद रहती है। सी. शंकरन नायर के इतने परेशान रहने के कारण सी. शंकरन नायर को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। सी. शंकरन नायर बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में सी. शंकरन नायर परेशानी महसूस करते हैं। यदि सी. शंकरन नायर अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।सी. शंकरन नायर एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना सी. शंकरन नायर को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव सी. शंकरन नायर की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण सी. शंकरन नायर की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही सी. शंकरन नायर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। सी. शंकरन नायर के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और सी. शंकरन नायर की कल्पनाशीलता सी. शंकरन नायर को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि सी. शंकरन नायर को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब सी. शंकरन नायर अध्ययन करने बैठें तो सी. शंकरन नायर को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और सी. शंकरन नायर की स्मरण शक्ति भी सी. शंकरन नायर की मदद करे। यदि सी. शंकरन नायर मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, सी. शंकरन नायर अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
सी. शंकरन नायर की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि सी. शंकरन नायर को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु सी. शंकरन नायर का ऐसा सोचना सही नहीे है, सी. शंकरन नायर उस दिशा में तभी जाएं यदि सी. शंकरन नायर को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।