डी वी सदानंद गौड़ा
Mar 19, 1953
12:00:00
Sulya
75 E 22
12 N 33
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
D V Sadananda Gowda एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, D V Sadananda Gowda की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। D V Sadananda Gowda अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण D V Sadananda Gowda में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण D V Sadananda Gowda जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।D V Sadananda Gowda संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि D V Sadananda Gowda को पता लगे कि D V Sadananda Gowda का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो D V Sadananda Gowda तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।D V Sadananda Gowda के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि D V Sadananda Gowda के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। D V Sadananda Gowda के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि D V Sadananda Gowda सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु D V Sadananda Gowda अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः D V Sadananda Gowda को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। D V Sadananda Gowda को यह मानकर चलना चाहिए कि D V Sadananda Gowda को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।D V Sadananda Gowda वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। D V Sadananda Gowda सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। D V Sadananda Gowda के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह D V Sadananda Gowda को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन D V Sadananda Gowda को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
D V Sadananda Gowda को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और D V Sadananda Gowda को अधिक की उम्मीद रहती है। D V Sadananda Gowda के इतने परेशान रहने के कारण D V Sadananda Gowda को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। D V Sadananda Gowda बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में D V Sadananda Gowda परेशानी महसूस करते हैं। यदि D V Sadananda Gowda अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।D V Sadananda Gowda एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना D V Sadananda Gowda को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव D V Sadananda Gowda की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण D V Sadananda Gowda की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही D V Sadananda Gowda शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। D V Sadananda Gowda के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और D V Sadananda Gowda की कल्पनाशीलता D V Sadananda Gowda को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि D V Sadananda Gowda को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब D V Sadananda Gowda अध्ययन करने बैठें तो D V Sadananda Gowda को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और D V Sadananda Gowda की स्मरण शक्ति भी D V Sadananda Gowda की मदद करे। यदि D V Sadananda Gowda मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, D V Sadananda Gowda अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
D V Sadananda Gowda के जीवन में D V Sadananda Gowda के मित्र प्रेरणा का काम करते हैं। D V Sadananda Gowda को उनके सहयोग एवं उत्साहवर्धन की जरूरत है। अतः सफलता प्राप्ति के लिये D V Sadananda Gowda को उन क्षेत्रों में कार्य करना चाहिए, जहाँ पर D V Sadananda Gowda के मित्र D V Sadananda Gowda के प्रगति देख सकें।