दिग्विजय सिंह
Sep 08, 1950
13:50:00
Madhya Pradesh
74 E 57
22 N 40
5.5
765 Notable Horoscopes
संदर्भ (स.)
Digvijay Singh के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। Digvijay Singh एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। Digvijay Singh काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग Digvijay Singh के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे Digvijay Singh के अच्छे मित्र होते हैं।Digvijay Singh उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब Digvijay Singh इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो Digvijay Singh इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये Digvijay Singh समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, Digvijay Singh जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि Digvijay Singh के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।Digvijay Singh जनता के समक्ष अपने Digvijay Singh को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने Digvijay Singh को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण Digvijay Singh के अनेक मित्र हैं और Digvijay Singh उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। Digvijay Singh के ऊपर Digvijay Singh के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि Digvijay Singh बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।Digvijay Singh की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि Digvijay Singh बहुआयामी हैं, जिस कारणवश Digvijay Singh की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे Digvijay Singh को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
Digvijay Singh को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Digvijay Singh को अधिक की उम्मीद रहती है। Digvijay Singh के इतने परेशान रहने के कारण Digvijay Singh को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Digvijay Singh बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Digvijay Singh परेशानी महसूस करते हैं। यदि Digvijay Singh अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Digvijay Singh एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Digvijay Singh को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Digvijay Singh की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Digvijay Singh की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Digvijay Singh शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Digvijay Singh के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Digvijay Singh की कल्पनाशीलता Digvijay Singh को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Digvijay Singh को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Digvijay Singh अध्ययन करने बैठें तो Digvijay Singh को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Digvijay Singh की स्मरण शक्ति भी Digvijay Singh की मदद करे। यदि Digvijay Singh मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Digvijay Singh अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Digvijay Singh अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से Digvijay Singh को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो Digvijay Singh उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। Digvijay Singh का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही Digvijay Singh के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।