गणेश वासुदेव मावलंकर
Nov 27, 1888
12:00:00
Baroda
73 E 13
22 N 18
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
गणेश वासुदेव मावळणकर क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव गणेश वासुदेव मावळणकर के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल गणेश वासुदेव मावळणकर अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। गणेश वासुदेव मावळणकर के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।गणेश वासुदेव मावळणकर मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि गणेश वासुदेव मावळणकर ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। गणेश वासुदेव मावळणकर अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ गणेश वासुदेव मावळणकर का व्यवहार गणेश वासुदेव मावळणकर की सबसे बड़ी कमजोरी है। गणेश वासुदेव मावळणकर अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग गणेश वासुदेव मावळणकर की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, गणेश वासुदेव मावळणकर उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे गणेश वासुदेव मावळणकर प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
गणेश वासुदेव मावळणकर को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और गणेश वासुदेव मावळणकर को अधिक की उम्मीद रहती है। गणेश वासुदेव मावळणकर के इतने परेशान रहने के कारण गणेश वासुदेव मावळणकर को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में गणेश वासुदेव मावळणकर परेशानी महसूस करते हैं। यदि गणेश वासुदेव मावळणकर अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।गणेश वासुदेव मावळणकर एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना गणेश वासुदेव मावळणकर को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव गणेश वासुदेव मावळणकर की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण गणेश वासुदेव मावळणकर की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही गणेश वासुदेव मावळणकर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और गणेश वासुदेव मावळणकर की कल्पनाशीलता गणेश वासुदेव मावळणकर को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि गणेश वासुदेव मावळणकर को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब गणेश वासुदेव मावळणकर अध्ययन करने बैठें तो गणेश वासुदेव मावळणकर को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और गणेश वासुदेव मावळणकर की स्मरण शक्ति भी गणेश वासुदेव मावळणकर की मदद करे। यदि गणेश वासुदेव मावळणकर मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, गणेश वासुदेव मावळणकर अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
गणेश वासुदेव मावळणकर अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से गणेश वासुदेव मावळणकर को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो गणेश वासुदेव मावळणकर उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। गणेश वासुदेव मावळणकर का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही गणेश वासुदेव मावळणकर के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।