गायत्री देवी वासुदेव
Oct 24, 1949
15:33:00
Bangalore
77 E 35
13 N 0
5.5
Kundli Sangraha (Tendulkar)
सटीक (स.)
गायत्री देवी वासुदेव के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। गायत्री देवी वासुदेव एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। गायत्री देवी वासुदेव काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग गायत्री देवी वासुदेव के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे गायत्री देवी वासुदेव के अच्छे मित्र होते हैं।गायत्री देवी वासुदेव उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब गायत्री देवी वासुदेव इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो गायत्री देवी वासुदेव इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये गायत्री देवी वासुदेव समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, गायत्री देवी वासुदेव जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि गायत्री देवी वासुदेव के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।गायत्री देवी वासुदेव जनता के समक्ष अपने गायत्री देवी वासुदेव को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने गायत्री देवी वासुदेव को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण गायत्री देवी वासुदेव के अनेक मित्र हैं और गायत्री देवी वासुदेव उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। गायत्री देवी वासुदेव के ऊपर गायत्री देवी वासुदेव के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि गायत्री देवी वासुदेव बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।गायत्री देवी वासुदेव की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि गायत्री देवी वासुदेव बहुआयामी हैं, जिस कारणवश गायत्री देवी वासुदेव की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे गायत्री देवी वासुदेव को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
गायत्री देवी वासुदेव आदर्शवादी व प्रेरणादायक हैं, क्योंकि गायत्री देवी वासुदेव में अन्तर्निहित आध्यात्मिक विश्वास है। गायत्री देवी वासुदेव बहुत संवेदनशील, लोकप्रिय और दूसरों की भावनाओं की कद्र करने वाले हैं। गायत्री देवी वासुदेव ये जानते हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ ही जीवन का पाठ हैं, जो कि गायत्री देवी वासुदेव को पूर्णता प्राप्ति के लिये सीखने पड़ेंगे और यही गायत्री देवी वासुदेव के सुख का प्रमुख कारण भी है।गायत्री देवी वासुदेव अपने अंदर गूढ़ रहस्य समाए हुए रहते हैं। इसी वजह से सामान्य विषयों से इतर गायत्री देवी वासुदेव की पकड़ कुछ ऐसे विषयों पर होगी जो हर किसी के बस की बात नहीं होगी। दूसरी ओर सामान्य शिक्षा की बात करें तो गायत्री देवी वासुदेव को उसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मेहनत और लगन के साथ प्रयास करने पर ही शिक्षा में सफलता मिल सकती है। गायत्री देवी वासुदेव को नियमित रूप से अपनी विद्या के प्रति जागरूक रहना होगा और अभ्यास करना होगा ताकि गायत्री देवी वासुदेव विषयों को समझकर उन्हें अपने अंदर समाहित कर सकें। अक्सर गायत्री देवी वासुदेव बुरी संगति के शिकार हो जाते हैं। गायत्री देवी वासुदेव को इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि बुरी संगति के कारण गायत्री देवी वासुदेव की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ऐसी संभावना है कि गायत्री देवी वासुदेव की शिक्षा में रुकावट आए। कई बार स्थितियां गायत्री देवी वासुदेव के विपरीत होंगी और गायत्री देवी वासुदेव को शिक्षा से विमुख कर सकती हैं, इसलिए गायत्री देवी वासुदेव को अपनी शिक्षा के मामले में गंभीरता से विचार करते हुए उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
गायत्री देवी वासुदेव की सफलता में गायत्री देवी वासुदेव के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए गायत्री देवी वासुदेव अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।