घनश्याम दास बिड़ला
Apr 14, 1894
3:21:36
Pilani
75 E 36
28 N 22
5.5
Astrology of Professions (Pathak)
संदर्भ (स.)
घनश्याम दास बिर्ला अन्य व्यक्तियों की अपेक्षा अधिक चतुर हैं। और इसका मुख्य कारण यह है कि घनश्याम दास बिर्ला नई चीजों को कम प्रयास एवं शीघ्रता से सीखते हैं।समय-समय पर घनश्याम दास बिर्ला दिखाते हैं कि विलक्षण उपलब्धियों से विभूषित हैं, घनश्याम दास बिर्ला दूरदर्शी हैं, घनश्याम दास बिर्ला दयालु हैं, दानी हैं,मेहमान नवाज हैं। परन्तु हमारी सलाह है कि घनश्याम दास बिर्ला को अपनी क्षमताओं के अनुसार ही सोचना एवं काम करना चाहिये ताकि घनश्याम दास बिर्ला वह सब प्राप्त कर सकें जो घनश्याम दास बिर्ला चाहते हैं।यद्यपि घनश्याम दास बिर्ला एक विलक्षण व्यक्ति हैं परन्तु जब घनश्याम दास बिर्ला क्रोध के नियन्त्रण में होते हैं, मानसिक संतुलन खो देते हैं, शीघ्रता से चिढने जाते हैं और धैर्य खो बैठते हैं। ऐसे समय में घनश्याम दास बिर्ला को अपनी इन्द्रियों पर पूर्ण नियंत्रण करने का प्रयास करना चाहिये।स्वयं को दृढ-निश्चयी बनायें और इच्छाशक्ति का अपने अन्दर विकास करें।घनश्याम दास बिर्ला ख्याल रखने वाले व्यक्ति हैं लेकिन हमारी घनश्याम दास बिर्ला को सलाह है कि घनश्याम दास बिर्ला कों दूसरों का ज्यादा ख्याल रखें ताकि उन्हे घनश्याम दास बिर्ला का सहयोग ज्यादाप्राप्त हो सके। सिर्फ इसलिये नहीं कि घनश्याम दास बिर्ला इसका दिखावा कर सकें बल्कि इसलिये कि उन्हे घनश्याम दास बिर्ला की मदद मिल सके।
घनश्याम दास बिर्ला की भावनाएं और विचार सुसामंजस्यपूर्ण हैं, जो कि वास्तविकता पर घनश्याम दास बिर्ला की पकड़ मजबूत बनाते हैं। घनश्याम दास बिर्ला बहुत व्यावहारिक हैं, स्वयं को समझ सकते हैं एवं घनश्याम दास बिर्ला जो कहना चाहते हैं, युक्तिपूर्ण तरीके से कह सकते हैं। घनश्याम दास बिर्ला अपनी अन्तः प्रकृति में झांककर अपने अन्दर छुपे असंतोष के कारण को देख सकते हैं व उसे व्यक्त भी कर सकते हैं। हांलाकि घनश्याम दास बिर्ला व्यर्थ की चिंता करते हैं, इधर-उधर की बातों में समय नष्ट करते हैं और स्वयं के लिये भी दूसरों के समान ही आलोचक होते हैं।घनश्याम दास बिर्ला एक मेहनती और कुशाग्र बुद्धि के स्वामी हैं और घनश्याम दास बिर्ला जो प्राप्त करना चाहते हैं उसके लिए घनश्याम दास बिर्ला परिश्रम करेंगे और किसी भी हद तक मेहनत कर सकते हैं। घनश्याम दास बिर्ला की तीव्र बुद्धि घनश्याम दास बिर्ला को अपने क्षेत्र में सबसे आगे रखेगी और मेहनत के कारण घनश्याम दास बिर्ला हर विषय में पारंगत हो जाएंगे। घनश्याम दास बिर्ला को शास्त्रों में भी रुचि होगी और जीवन की सच्चाई से जुड़े विषय भी घनश्याम दास बिर्ला को अपनी ओर खींचेंगे। घनश्याम दास बिर्ला अपने जीवन में सभी सुखों को प्राप्त कर एक अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहते हैं और घनश्याम दास बिर्ला जानते हैं कि उसके लिए क्या-क्या आवश्यक है। इसी वजह से घनश्याम दास बिर्ला अपनी शिक्षा को ही बेहतर बनाने का प्रयास करेंगे और घनश्याम दास बिर्ला की मेहनत घनश्याम दास बिर्ला को आगे बढ़ाएगी। कभी-कभी घनश्याम दास बिर्ला क्रोध में आकर अपना ही नुकसान कर बैठते हैं, शिक्षा के मामले में घनश्याम दास बिर्ला को इससे बचकर रहना होगा क्योंकि एकाग्रता खोने के कारण घनश्याम दास बिर्ला को समस्या हो सकती है। हालांकि घनश्याम दास बिर्ला का तेज दिमाग घनश्याम दास बिर्ला को सिरमौर बनाएगा।
घनश्याम दास बिर्ला की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि घनश्याम दास बिर्ला को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु घनश्याम दास बिर्ला का ऐसा सोचना सही नहीे है, घनश्याम दास बिर्ला उस दिशा में तभी जाएं यदि घनश्याम दास बिर्ला को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।