गोपाल कृष्ण गोखले
May 09, 1866
17:15:11
Guhagar
73 E 12
17 N 28
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
गोपाल कृष्ण गोखले सौन्दर्य-प्रेमी हैं, चाहे वह कला, दर्शनीयस्थल या आकर्षक व्यक्ति ही क्यों न हो। गोपाल कृष्ण गोखले केवल बाह्य सौन्दर्य ही नहीं,अपितु आन्तरिक सौन्दर्य के प्रति भी आकर्षित होते हैं। अच्छा संगीत गोपाल कृष्ण गोखले को पसन्द आता है, किसी व्यक्ति का सच्चरित्र गोपाल कृष्ण गोखले को पसन्द आता है। गोपाल कृष्ण गोखले सामान्य से ऊपर प्रत्येक वस्तुओं के पारखी हैं।दूसरों को खुश करने की गोपाल कृष्ण गोखले के अन्दर नैसर्गिक क्षमता है। गोपाल कृष्ण गोखले परेशान लोेगों को सान्त्वना देना अच्छी तरह से जानते हैं और गोपाल कृष्ण गोखले जानते हैं कि लोगों को अपने गोपाल कृष्ण गोखले से खुश कैसे रखा जाये। यह एक विरला गुण हैं एवं इस कारण संसार में गोपाल कृष्ण गोखले जैसे व्यक्ति कम ही हैं।गोपाल कृष्ण गोखले अन्य लोगों जितने व्यावहारिक नहीं है और गोपाल कृष्ण गोखले समय के भी पाबन्द नहीं हैं।गोपाल कृष्ण गोखले आवश्यकता से अधिक संवेदनशील और जो कि गोपाल कृष्ण गोखले को कभी-कभी परेशानी में डाल देती है परन्तु गोपाल कृष्ण गोखले की खिन्नता लड़ाई-झगड़े के रूप में बाहर नहीं आती है। असामंजस्य से गोपाल कृष्ण गोखले हर कीमत पर दूर रहते हैं। सम्भवतः गोपाल कृष्ण गोखले अपने मन से दुःख को दूर रखते हैं।
गोपाल कृष्ण गोखले साहसी व्यक्ति हैं। गोपाल कृष्ण गोखले इतने आवेगपूर्ण हैं कि गोपाल कृष्ण गोखले के पास भय और चिन्ता के लिये कोई समय नहीं है। इस तरह की समय-समय पर होने वाली घटनाएं गोपाल कृष्ण गोखले को आनंद प्रदान करती हैं। गोपाल कृष्ण गोखले का व्यक्तित्व रुचिपूर्ण होने के कारण लोग गोपाल कृष्ण गोखले का साथ पसन्द करते हैं। गोपाल कृष्ण गोखले एक उत्तम व्यक्तित्व-वाचक व प्राच्य विद्याओं की ओर आकर्षित हैं, जो गोपाल कृष्ण गोखले को जीवन को गहराई से समझने में सहायता करता है। गोपाल कृष्ण गोखले की यह असाधारण दूरदृष्टि गोपाल कृष्ण गोखले को आगे बढ़ने में एवं गोपाल कृष्ण गोखले की सफलता में बाधक कारणों को समझने में गोपाल कृष्ण गोखले की सहायता करती है।गोपाल कृष्ण गोखले के अंतर में स्वाभाविक रुप से अंतर्ज्ञान निहित है। गोपाल कृष्ण गोखले बड़ी ही शीघ्रता से और आसानी से विषयों को समझ सकते हैं और उनके बारे में अपनी राय बना सकते हैं। गोपाल कृष्ण गोखले की यही खूबी गोपाल कृष्ण गोखले को एक उत्तम दर्जे का व्यक्ति बनाती है। गोपाल कृष्ण गोखले के अंतर में दार्शनिकता कूट-कूट कर भरी होने के कारण गोपाल कृष्ण गोखले जीवन को सहज रूप से लेकर आवश्यक कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यही वजह है कि गोपाल कृष्ण गोखले एक से अधिक विषयों में भी पारंगत हो सकते हैं और न्याय व्यवस्था तथा व्यापार के क्षेत्र से संबंधित शिक्षाएं गोपाल कृष्ण गोखले को विशेष रूप से अपनी ओर आकर्षित करेंगी। गोपाल कृष्ण गोखले एक अच्छी संग्रहण क्षमता के स्वामी हैं जिसके परिणाम स्वरूप गोपाल कृष्ण गोखले छोटी से छोटी बात को बड़ी आसानी से सीख जाते हैं और यही बात गोपाल कृष्ण गोखले की शिक्षा पर भी लागू होती है। गोपाल कृष्ण गोखले नियमपूर्वक पढ़ाई करना पसंद करेंगे और इसी से गोपाल कृष्ण गोखले को किसी भी विषय को गहनता से समझने में मदद मिलेगी। गोपाल कृष्ण गोखले की गिनती उच्च दर्जे के विद्वानों में हो सकती है।
बच्चे गोपाल कृष्ण गोखले को अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने में अत्यधिक प्रेरणा देते हैं। गोपाल कृष्ण गोखले को उनके प्रति कर्तव्य का अनुभव करना चाहिए। इस प्रेरणा का गोपाल कृष्ण गोखले को पूर्णतः प्रयोग करना चाहिए, लेकिन ये ध्यान रखें कि गोपाल कृष्ण गोखले वही कर रहे हैं जो गोपाल कृष्ण गोखले करना चाहते हैं तथा सिर्फ उन्हें अपने कर्तव्यों के कारण ही नहीं कर रहे हैं।