हैन्स क्रिश्चियन एंडरसन
Apr 2, 1805
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10 E 23, 55 N 24
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संदर्भ (स.)
Hans Christian Andersen ने अपने जीवन का आरम्भ अनुकूल वातावरण में किया था। यह कहा जा सकता है कि Hans Christian Andersen एक उत्तम जन्मकुण्डली लेकर पैदा हुए हैं। साधारणतः Hans Christian Andersen की स्मरणशक्ति उत्तम है और Hans Christian Andersen एहसान को कभी नहीं भूलते हैं। Hans Christian Andersen आवश्यकता से अधिक उदार हैं। Hans Christian Andersen एक व्यवस्थित व्यक्ति हैं, जोकि Hans Christian Andersen के काम में झलकता भी है, खासकर Hans Christian Andersen के पहनावे और निवास-स्थान में।Hans Christian Andersen व्यक्तिगत रूप से आकर्षक, शालीन और सुलझे हुए हैं। Hans Christian Andersen बड़े दिल वाले और खुले दिमाग के व्यक्ति हैं। Hans Christian Andersen विपरीत परिस्थितियों में भी विचारवान रहते हैं। Hans Christian Andersen दृढ़चरित्र है।जन्म से ही Hans Christian Andersen के अन्दर नेतृत्व का गुण विद्यमान है, किन्तु Hans Christian Andersen इसका दिखावा पसन्द नहीं करते। Hans Christian Andersen का दृष्टिकोण व्यापक है और Hans Christian Andersen छोटी-छोटी बातों की परवाह नहीं करते हैं।Hans Christian Andersen एक महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं और अपने लिये ऊंचे लक्ष्य रखते हैं। प्रायः Hans Christian Andersen लक्ष्य से दूर रह जाते हैं, लेकिन जो Hans Christian Andersen को प्राप्त होता है वह भी सामान्य से अधिक होता है।
Hans Christian Andersen सकारात्मक सोच वाले और आत्मविश्वासी व्यक्ति हैं। Hans Christian Andersen सदैव कार्यों के सही होने की आशा करते हैं व वर्तमान परिणाम को जाने देने की क्षमता रखते हैं। Hans Christian Andersen दयालु तथा सहिष्णु हैं, व्यावहारिक हैं एवं सूक्ष्म गहराइयों में जाकर किसी भी अवधारणा को पूर्णतः समझते हैं। जीवन के प्रति Hans Christian Andersen विश्वास और दार्शनिक दृष्टिकोण रखते हैं, जो कि जीवन मेें Hans Christian Andersen को कई मौके देता है और सफलता पाने में Hans Christian Andersen की मदद करता है।Hans Christian Andersen के अंदर गजब की फुर्ती है और Hans Christian Andersen जीवन में कुछ प्राप्त करना चाहते हैं, लेकिन अपने स्वयं के बनाए विरोधाभासों में फँस कर Hans Christian Andersen अपनी शिक्षा से विमुख हो सकते हैं। ऐसे में Hans Christian Andersen को इन सभी बातों को त्याग कर खुले दिल से सोचना चाहिए। Hans Christian Andersen को यह समझना चाहिए कि जो Hans Christian Andersen हैं, Hans Christian Andersen उससे भी बेहतर हो सकते हैं और उसके लिए Hans Christian Andersen को अपनी शिक्षा का दायरा बढ़ाना होगा। यदि Hans Christian Andersen एक योजना बना कर शिक्षा प्राप्त करेंगे तो Hans Christian Andersen को जबरदस्त सफलता हासिल होगी। Hans Christian Andersen जो कुछ भी जानते हैं उसे अन्य लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना पसंद करते हैं। वास्तव में यहीं से Hans Christian Andersen सीखना प्रारंभ कर रहे हैं। क्योंकि जब Hans Christian Andersen थोड़ा भी जान जाते हैं और उसे लोगों के समक्ष प्रस्तुत करते हैं तो ऐसा करने से वह Hans Christian Andersen के चित्त की स्मृतियों में अंकित हो जाता है और यही Hans Christian Andersen को अपनी शिक्षा में मदद करता है। Hans Christian Andersen वास्तव में ऐसी शिक्षा प्राप्त करेंगे जो जीवन में Hans Christian Andersen को एक अच्छा मुकाम दिलाने में सहायक होगी और Hans Christian Andersen को मानसिक रुप से भी संतुष्टि प्रदान करेगी।
Hans Christian Andersen की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि Hans Christian Andersen को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु Hans Christian Andersen का ऐसा सोचना सही नहीे है, Hans Christian Andersen उस दिशा में तभी जाएं यदि Hans Christian Andersen को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।