जयप्रकाश नारायण
Oct 11, 1902
03:00:00
Sitabadiara
86 E 19
24 N 29
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
जयप्रकाश नारायण एक ऐसे इन्सान हैं जिसके लिये आराम एवं सुख सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। हांलाकि इसका मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि इनके लिये जयप्रकाश नारायण अपने कर्तव्यों का पालन ढीक ठंग से नहीं करते। इसके विपरीत जयप्रकाश नारायण यह जानते हुए कि केवल ऐसा करके ही जयप्रकाश नारायण इन्हे प्राप्त कर सकते हैं, जयप्रकाश नारायण मेहनत से सारे कार्य करते हैं।जयप्रकाश नारायण को दूसरों का साथ पसन्द है और जब अकेले होते हैं तो खुश नहीं होते हैं। परिणामस्वरूप, जयप्रकाश नारायण मित्र खोजते हैं और उसकी महत्ता भी समझते हैं।जयप्रकाश नारायण एक सक्षम व्यक्ति हैं और कार्यकुशलता की प्रशंसा करते हैं। जयप्रकाश नारायण को अपने विरोधियों से ऊपर उठने के लिये कठिन परिश्रम करना पड़ता है। जयप्रकाश नारायण आर्थिक मामलों मे चतुर हैं।हांलाकि जयप्रकाश नारायण पुरानी एवं परखी हुइ वस्तुओं के प्रशंसक हैं लेकिन नई वस्तुओं को भी पर्याप्त मौका देते हैं। जयप्रकाश नारायण सहृद व्यक्ति हैं और बच्चों के प्रति अपने प्यार के लिये जाने जाते हैं।
जयप्रकाश नारायण दूसरों के साथ का पूरा आनन्द लेते हैं। जयप्रकाश नारायण हंसमुख और खुशमिजाज हैं एवं हंसने में संकोच नहीं करते तथा प्रायः अच्छा‘सेंस आॅफ ह्यूमर’ रखते हैं। जयप्रकाश नारायण का मन सौन्दर्य से अत्यन्त प्रभावित रहता है और जयप्रकाश नारायण इसे प्रमुखता से अपन आस-पास के वातावरण में दिखाते हैं। जो व्यक्ति अपने चारों ओर सुन्दरता ला सकता है, वह सदैव आनन्दोन्मुखी होता है।जयप्रकाश नारायण एक अच्छी संवाद शैली के लिए जाने जाएंगे और जयप्रकाश नारायण के कम्युनिकेशन स्किल इतने बेहतर होंगे कि वह जयप्रकाश नारायण को भीड़ में सबसे आगे लेकर जाएंगे। जयप्रकाश नारायण की बुद्धि तीव्र होगी और स्मरण शक्ति भी गजब की होगी इसी वजह से जयप्रकाश नारायण किसी भी बात को आसानी से और लंबे समय तक याद रख पाएंगे। जयप्रकाश नारायण के जीवन की यही सबसे बड़ी विशेषता होगी और उसी के बल पर जयप्रकाश नारायण अपनी शिक्षा को अच्छे से पूरा कर पाएंगे और उसमें सफलता अर्जित कर पाएंगे। जयप्रकाश नारायण के मन में शास्त्रों का ज्ञान प्राप्त करने की भी इच्छा विशेष रूप से जागेगी। गणित, सांख्यिकी, तार्किक क्षमता आदि के मामले में जयप्रकाश नारायण काफी मजबूत साबित होंगे और इन के दम पर अपनी शिक्षा में सफलता के झंडे गाड़ देंगे। जयप्रकाश नारायण को बीच-बीच में अपनी एकाग्रता को प्राप्त करने के लिए प्रयास करना होगा क्योंकि अत्यधिक सोच विचार करना जयप्रकाश नारायण को पसंद है, लेकिन यही जयप्रकाश नारायण की सबसे बड़ी कमजोरी भी है। इससे बचने का प्रयास करेंगे तो जीवन में और शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम शिखर पर पहुंच सकते हैं।
जयप्रकाश नारायण की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि जयप्रकाश नारायण को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु जयप्रकाश नारायण का ऐसा सोचना सही नहीे है, जयप्रकाश नारायण उस दिशा में तभी जाएं यदि जयप्रकाश नारायण को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।