जयराम
Dec 10, 1965
12:00:0
Perumbavoor
76 E 28
10 N 6
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
जयराम एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, जयराम की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। जयराम अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण जयराम में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण जयराम जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।जयराम संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि जयराम को पता लगे कि जयराम का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो जयराम तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।जयराम के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि जयराम के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। जयराम के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि जयराम सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु जयराम अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः जयराम को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। जयराम को यह मानकर चलना चाहिए कि जयराम को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।जयराम वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। जयराम सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। जयराम के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह जयराम को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन जयराम को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
जयराम को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और जयराम को अधिक की उम्मीद रहती है। जयराम के इतने परेशान रहने के कारण जयराम को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। जयराम बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में जयराम परेशानी महसूस करते हैं। यदि जयराम अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।जयराम एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना जयराम को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव जयराम की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण जयराम की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही जयराम शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। जयराम के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और जयराम की कल्पनाशीलता जयराम को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि जयराम को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब जयराम अध्ययन करने बैठें तो जयराम को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और जयराम की स्मरण शक्ति भी जयराम की मदद करे। यदि जयराम मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, जयराम अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
बच्चे जयराम को अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने में अत्यधिक प्रेरणा देते हैं। जयराम को उनके प्रति कर्तव्य का अनुभव करना चाहिए। इस प्रेरणा का जयराम को पूर्णतः प्रयोग करना चाहिए, लेकिन ये ध्यान रखें कि जयराम वही कर रहे हैं जो जयराम करना चाहते हैं तथा सिर्फ उन्हें अपने कर्तव्यों के कारण ही नहीं कर रहे हैं।