जयसूर्या
Aug 31, 1978
12:00:00
Thrippunithura
76 E 20
9 N 56
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Jayasurya एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Jayasurya की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Jayasurya अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Jayasurya में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Jayasurya जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Jayasurya संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Jayasurya को पता लगे कि Jayasurya का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Jayasurya तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Jayasurya के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Jayasurya के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Jayasurya के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Jayasurya सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Jayasurya अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Jayasurya को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Jayasurya को यह मानकर चलना चाहिए कि Jayasurya को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Jayasurya वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Jayasurya सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Jayasurya के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Jayasurya को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Jayasurya को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Jayasurya वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् Jayasurya से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। Jayasurya की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता Jayasurya को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में Jayasurya की सहायता करती है। Jayasurya के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।Jayasurya लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। Jayasurya स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में Jayasurya की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी Jayasurya का ज्ञान और Jayasurya की शिक्षा। चाहे Jayasurya अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना Jayasurya की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही Jayasurya को सबसे अलग रखेगी। Jayasurya को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप Jayasurya अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। Jayasurya के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। Jayasurya को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति Jayasurya की भूख Jayasurya को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से Jayasurya की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी Jayasurya अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से Jayasurya की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
Jayasurya स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो Jayasurya कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि Jayasurya मंचपर हों तो Jayasurya अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।