करुणानिधि
Jun 3, 1926
9:00:00
Thirukkuvalai
80 E 18
13 N 5
5.5
Lagna Phal (Garg)
संदर्भ (स.)
Karunanidhi क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। Karunanidhi हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। Karunanidhi के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव Karunanidhi के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल Karunanidhi अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। Karunanidhi के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।Karunanidhi मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। Karunanidhi नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। Karunanidhi संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि Karunanidhi ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। Karunanidhi अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ Karunanidhi का व्यवहार Karunanidhi की सबसे बड़ी कमजोरी है। Karunanidhi अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग Karunanidhi की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, Karunanidhi उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। Karunanidhi को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे Karunanidhi प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण Karunanidhi अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। Karunanidhi व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में Karunanidhi ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और Karunanidhi को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।Karunanidhi के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से Karunanidhi किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि Karunanidhi उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी Karunanidhi को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। Karunanidhi अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना Karunanidhi को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर Karunanidhi अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है Karunanidhi को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से Karunanidhi की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण Karunanidhi अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार Karunanidhi को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना Karunanidhi उम्मीद करते हैं, लेकिन Karunanidhi के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही Karunanidhi को जीवन में सफल बनाएगी।
Karunanidhi अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से Karunanidhi को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो Karunanidhi उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। Karunanidhi का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही Karunanidhi के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।