कृपालु महाराज
Oct 22, 1922
12:00:0
Mangarh (Pratapgarh)
74 E 47
24 N 2
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Kripalu Maharaj क्रियात्मक स्वभाव के व्यक्ति हैं और सदैव गतिशील रहते हैं। Kripalu Maharaj हमेशा योजना बनाते रहते हैं और अकर्मण्यता को कभी भी सहन नहीं कर सकते हैं। Kripalu Maharaj के अन्दर पर्याप्त इच्छाशक्ति है और स्वतन्त्रता का भाव Kripalu Maharaj के अन्दर कूट-कूट के भरा हुआ है। दूसरों का दखल Kripalu Maharaj अपने काम में बर्दाश्तन हीं करते। Kripalu Maharaj के लिये अपने विचारों व कार्यों की स्वतन्त्रता सर्वोपरि है।Kripalu Maharaj मौलिक सोच रखते हैं, जोकि बहुआयामी होती हैं। Kripalu Maharaj नये तरीकों का अन्वेषण अथवा उद्देश्यपूर्ण मौलिक आविष्कार कर सकते हैं। Kripalu Maharaj संसार को अपने कार्यों से एक नयी दिशा देंगे।इसमें कोई शंका नहीं है कि Kripalu Maharaj ईमानदारी को व्यापक रूप से प्रयोग कर नव-कीर्तिमान स्थापित करेंगे। Kripalu Maharaj अपने मित्रों से अपने उद्देश्य, अपनी बात, आर्थिक विषय इत्यादि में ईमानदार होने की उम्मीद करते हैं।दूसरों के साथ Kripalu Maharaj का व्यवहार Kripalu Maharaj की सबसे बड़ी कमजोरी है। Kripalu Maharaj अकुशलता को सहन नहीं कर सकते और जो लोग Kripalu Maharaj की आंखों से आंखें मिलाकर नहीं देख सकते, Kripalu Maharaj उन्हें हेय दृष्टि से देखते हैं। Kripalu Maharaj को उन लोगों के प्रति सहनशीलता का गुण विकसित करना चाहिये, जिन्हे Kripalu Maharaj प्रायः अस्वीकृत कर देते हैं। कुछ भी हो, कम से कम यह प्रयास करने योग्य है।
Kripalu Maharaj को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Kripalu Maharaj को अधिक की उम्मीद रहती है। Kripalu Maharaj के इतने परेशान रहने के कारण Kripalu Maharaj को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Kripalu Maharaj बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Kripalu Maharaj परेशानी महसूस करते हैं। यदि Kripalu Maharaj अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Kripalu Maharaj एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Kripalu Maharaj को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Kripalu Maharaj की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Kripalu Maharaj की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Kripalu Maharaj शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Kripalu Maharaj के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Kripalu Maharaj की कल्पनाशीलता Kripalu Maharaj को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Kripalu Maharaj को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Kripalu Maharaj अध्ययन करने बैठें तो Kripalu Maharaj को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Kripalu Maharaj की स्मरण शक्ति भी Kripalu Maharaj की मदद करे। यदि Kripalu Maharaj मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Kripalu Maharaj अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Kripalu Maharaj के जीवन में Kripalu Maharaj के मित्र प्रेरणा का काम करते हैं। Kripalu Maharaj को उनके सहयोग एवं उत्साहवर्धन की जरूरत है। अतः सफलता प्राप्ति के लिये Kripalu Maharaj को उन क्षेत्रों में कार्य करना चाहिए, जहाँ पर Kripalu Maharaj के मित्र Kripalu Maharaj के प्रगति देख सकें।