एम एस गोलवलकर
Feb 19, 1906
12:0:0
Ramtek
79 E 28
21 N 28
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
एम. एस. गोलवलकर एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, एम. एस. गोलवलकर की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। एम. एस. गोलवलकर अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण एम. एस. गोलवलकर में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण एम. एस. गोलवलकर जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।एम. एस. गोलवलकर संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि एम. एस. गोलवलकर को पता लगे कि एम. एस. गोलवलकर का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो एम. एस. गोलवलकर तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।एम. एस. गोलवलकर के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि एम. एस. गोलवलकर के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। एम. एस. गोलवलकर के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि एम. एस. गोलवलकर सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु एम. एस. गोलवलकर अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः एम. एस. गोलवलकर को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। एम. एस. गोलवलकर को यह मानकर चलना चाहिए कि एम. एस. गोलवलकर को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।एम. एस. गोलवलकर वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। एम. एस. गोलवलकर सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। एम. एस. गोलवलकर के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह एम. एस. गोलवलकर को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन एम. एस. गोलवलकर को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
एम. एस. गोलवलकर को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और एम. एस. गोलवलकर को अधिक की उम्मीद रहती है। एम. एस. गोलवलकर के इतने परेशान रहने के कारण एम. एस. गोलवलकर को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। एम. एस. गोलवलकर बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में एम. एस. गोलवलकर परेशानी महसूस करते हैं। यदि एम. एस. गोलवलकर अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।एम. एस. गोलवलकर एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना एम. एस. गोलवलकर को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव एम. एस. गोलवलकर की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण एम. एस. गोलवलकर की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही एम. एस. गोलवलकर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। एम. एस. गोलवलकर के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और एम. एस. गोलवलकर की कल्पनाशीलता एम. एस. गोलवलकर को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि एम. एस. गोलवलकर को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब एम. एस. गोलवलकर अध्ययन करने बैठें तो एम. एस. गोलवलकर को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और एम. एस. गोलवलकर की स्मरण शक्ति भी एम. एस. गोलवलकर की मदद करे। यदि एम. एस. गोलवलकर मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, एम. एस. गोलवलकर अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
एम. एस. गोलवलकर अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से एम. एस. गोलवलकर को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो एम. एस. गोलवलकर उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। एम. एस. गोलवलकर का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही एम. एस. गोलवलकर के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।