मधुबाला
Feb 14, 1933
7:0:0
Delhi
77 E 13
28 N 39
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
Madhubala एक ऊर्जावान व्यक्ति हैं और तब तक संतुष्ट नहीं होते जब तक क्रियाशील न हों। Madhubala मानसिक एवं शारीरिक रूप से शक्तिशाली एवं काम के लिये उत्साह से भरपूर हैं। Madhubala के अन्दर असीम साहस है एवं यह सभी गुण Madhubala के जीवन को बहुआयामी बनाते हैं। Madhubala एक जगह ही सिर्फ इसलिये ही नहीं रुक सकते क्योंकि Madhubala ने उस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया था। अगर Madhubala को सही लगता है तो Madhubala अपना काम, मित्र, रुचियां या कुछ भी बदलने मे नहीं हिचकिचाते। दुर्भाग्यवश Madhubala परिवर्तन के सभी पहलुओ का अध्ययन नहीं कर पाते और यह जल्दबाजी Madhubala को प्रायः मुसीबत में डालती है। फिर भी Madhubala के अन्दर साहस है, Madhubala जन्मजात रूप से मुसीबतों से लड़ने वाले हैं। यह सब मिलाकर Madhubala को अन्त में सफलता दिलाते हैं।ऐसा प्रतीत नहीं होता कि जीवन में Madhubala को असीम धन की प्राप्ति होगी परन्तु धन केवल तभी उपयोगी होता है जब वह Madhubala को सुख दिला सके और उस सुख से Madhubala जीवन का सम्पूर्ण आनन्द ले सकें।यह मानने के अनेक कारण हैं कि Madhubala जगह-जगह की सैर करेंगे और सम्भवतः अत्यधिक विश्व भ्रमण करेंगे। Madhubala को देश के विभिन्न हिस्सों में पद प्राप्त होंगे। Madhubala को अपने व्यवसाय के कारण भ्रमण अधिक करना पड़ेगा।हमारी सलाह है कि Madhubala को अपने अन्दर धैर्य विकसित करने का प्रयास करना चाहिये और Madhubala को किसी भी नये व्यवसाय को प्रारम्भ करने से पहले उस पर होने वाले खर्च का पूरा अध्ययन कर लेना चाहिये। यह कुछ छोटी बातें है परन्तु Madhubala की सफलता को खराब कर सकते हैं। साथ ही, परिवर्तन से बचें खासकर की 35 की उम्र के बाद।
Madhubala को ईश्वर ने अत्युत्तम व्यावहारिक ज्ञान और अपनी आवश्यकता के प्रति स्पष्ट नजरिया दिया है। Madhubala तार्किक एवं व्यावहारिक हैं। Madhubala वातावरण में खुशहाली खोजते हैं और अपने विचार-क्षितिज को व्यापक बनाने से डरते नहीं है। Madhubala भय को पहचानकर उसे दूर करने के रास्ते खोज लेते हैं। कृपया ध्यान रखें कि यदि Madhubala सिर्फ अपने बारे में सोचेंगे, तो Madhubala की सफलता की संभावना बहुत कम होगी।Madhubala एक ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी हैं जो सबसे अलग है। Madhubala औरों लोगों से हटकर अपने जीवन को अलग तरीके से जीते हैं और जब बात Madhubala की शिक्षा की आती है तब भी Madhubala ऐसा ही करते हैं। Madhubala कई बार जल्दबाजी में भी बहुत चीजें सीखना चाहते हैं जो बाद में Madhubala को परेशान करती हैं। हालांकि Madhubala की लेखन क्षमता बेहतर हो सकती है और Madhubala लिखने में आनंद महसूस कर सकते हैं। Madhubala अपनी गलतियों से सीखना पसंद करते हैं और सहजता से किसी भी कार्य में अपना सब कुछ लगा देते हैं। अपनी इसी विशेषता को Madhubala को शिक्षा के क्षेत्र में भी लगाना चाहिए। कभी-कभी अपनी ही गलतियों के कारण Madhubala को परेशानी उठानी पड़ सकती है और इसी वजह से Madhubala की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं। Madhubala को जीवन के अनुभवों से सीखने में आनंद आता है और यही बात Madhubala को शिक्षा के क्षेत्र में छोटी-छोटी बातों से सीखने में सफलता देती है। Madhubala के लिए आवश्यक है कि Madhubala जो कुछ भी सीखते हैं उसे एक बार पुनः दोहरायें ताकि वह Madhubala की स्मृतियों में अंकित हो जाए। शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां का सामना करने के बाद ही सफलता प्राप्त हो सकती है।
Madhubala अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से Madhubala को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो Madhubala उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। Madhubala का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही Madhubala के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।