महात्मा गांधी
Oct 02, 1869
08:36:19
Porbandar
69 E 40
21 N 40
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
सहानुभूति और आतिथ्य जैस गुण मिलकर Mahatma Gandhi के चरित्र को अद्भुत बनाते हैं। Mahatma Gandhi के अन्दर दूसरों को प्रसन्न रखने की तीव्र इच्छा है। कोई भी गुण इससे बड़ा नहीं हो सकता परन्तु इसकी अधिकता ठीक नहीं है। दूसरों के लिये Mahatma Gandhi अपना अत्यधिक समय और धन खर्च करते हैं।Mahatma Gandhi का व्यक्तित्व सांस्कृतिक हैं। उच्चस्तरीय साहित्य और कलात्मक कार्यों के प्रति Mahatma Gandhi का रुझान है। यद्यपि Mahatma Gandhi का व्यावसायिक दृष्टिकोण Mahatma Gandhi को इनसे दूर रखने की कोशिश करता है।धन के प्रति Mahatma Gandhi का विशिष्ट दृष्टिकोण है। कभी-कभी Mahatma Gandhi आवश्यक वस्तुओं पर भी खर्च नहीं करते हैं तो कभी-कभी Mahatma Gandhi मुक्त-हस्त खर्च करते जाते हैं। Mahatma Gandhi हमेशा ही सामाजिक कार्यों में मदद करते हैं। विशेष परिस्थितियों में कुछ रुपयों को बचाने की खातिर Mahatma Gandhi स्वयं को मुसीबत में डाल देते हैं।ाीघ्र प्रभावित होना Mahatma Gandhi की सबसे बड़ी कमजोरी है। Mahatma Gandhi अपने कानों पर जरूरत से ज्यादा ही विश्वास करते हैं। अनैतिक लोग Mahatma Gandhi की इस कमजोरी को तुरन्त जान जाते हैं और वक्त-जरूरत इसका अनुचित लाभ उठाते हैं। अतः Mahatma Gandhi ऐसे लोगों से सदैव सचेत रहें जो कि Mahatma Gandhi के मित्र बनकर Mahatma Gandhi के पास आते हैं।
Mahatma Gandhi को ईश्वर ने अत्युत्तम व्यावहारिक ज्ञान और अपनी आवश्यकता के प्रति स्पष्ट नजरिया दिया है। Mahatma Gandhi तार्किक एवं व्यावहारिक हैं। Mahatma Gandhi वातावरण में खुशहाली खोजते हैं और अपने विचार-क्षितिज को व्यापक बनाने से डरते नहीं है। Mahatma Gandhi भय को पहचानकर उसे दूर करने के रास्ते खोज लेते हैं। कृपया ध्यान रखें कि यदि Mahatma Gandhi सिर्फ अपने बारे में सोचेंगे, तो Mahatma Gandhi की सफलता की संभावना बहुत कम होगी।Mahatma Gandhi एक ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी हैं जो सबसे अलग है। Mahatma Gandhi औरों लोगों से हटकर अपने जीवन को अलग तरीके से जीते हैं और जब बात Mahatma Gandhi की शिक्षा की आती है तब भी Mahatma Gandhi ऐसा ही करते हैं। Mahatma Gandhi कई बार जल्दबाजी में भी बहुत चीजें सीखना चाहते हैं जो बाद में Mahatma Gandhi को परेशान करती हैं। हालांकि Mahatma Gandhi की लेखन क्षमता बेहतर हो सकती है और Mahatma Gandhi लिखने में आनंद महसूस कर सकते हैं। Mahatma Gandhi अपनी गलतियों से सीखना पसंद करते हैं और सहजता से किसी भी कार्य में अपना सब कुछ लगा देते हैं। अपनी इसी विशेषता को Mahatma Gandhi को शिक्षा के क्षेत्र में भी लगाना चाहिए। कभी-कभी अपनी ही गलतियों के कारण Mahatma Gandhi को परेशानी उठानी पड़ सकती है और इसी वजह से Mahatma Gandhi की पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं। Mahatma Gandhi को जीवन के अनुभवों से सीखने में आनंद आता है और यही बात Mahatma Gandhi को शिक्षा के क्षेत्र में छोटी-छोटी बातों से सीखने में सफलता देती है। Mahatma Gandhi के लिए आवश्यक है कि Mahatma Gandhi जो कुछ भी सीखते हैं उसे एक बार पुनः दोहरायें ताकि वह Mahatma Gandhi की स्मृतियों में अंकित हो जाए। शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां का सामना करने के बाद ही सफलता प्राप्त हो सकती है।
Mahatma Gandhi की सफलता में Mahatma Gandhi के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए Mahatma Gandhi अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।