माखनलाल चतुर्वेदी
Apr 4, 1889
12:0:0
Babai
77 E 59
22 N 44
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
मखनलाल चतुर्वेदी एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, मखनलाल चतुर्वेदी की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। मखनलाल चतुर्वेदी अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण मखनलाल चतुर्वेदी में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण मखनलाल चतुर्वेदी जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।मखनलाल चतुर्वेदी संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि मखनलाल चतुर्वेदी को पता लगे कि मखनलाल चतुर्वेदी का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो मखनलाल चतुर्वेदी तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।मखनलाल चतुर्वेदी के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि मखनलाल चतुर्वेदी के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। मखनलाल चतुर्वेदी के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि मखनलाल चतुर्वेदी सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु मखनलाल चतुर्वेदी अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः मखनलाल चतुर्वेदी को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। मखनलाल चतुर्वेदी को यह मानकर चलना चाहिए कि मखनलाल चतुर्वेदी को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।मखनलाल चतुर्वेदी वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। मखनलाल चतुर्वेदी सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। मखनलाल चतुर्वेदी के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह मखनलाल चतुर्वेदी को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन मखनलाल चतुर्वेदी को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
मखनलाल चतुर्वेदी को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और मखनलाल चतुर्वेदी को अधिक की उम्मीद रहती है। मखनलाल चतुर्वेदी के इतने परेशान रहने के कारण मखनलाल चतुर्वेदी को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। मखनलाल चतुर्वेदी बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में मखनलाल चतुर्वेदी परेशानी महसूस करते हैं। यदि मखनलाल चतुर्वेदी अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।मखनलाल चतुर्वेदी एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना मखनलाल चतुर्वेदी को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव मखनलाल चतुर्वेदी की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण मखनलाल चतुर्वेदी की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही मखनलाल चतुर्वेदी शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। मखनलाल चतुर्वेदी के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और मखनलाल चतुर्वेदी की कल्पनाशीलता मखनलाल चतुर्वेदी को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि मखनलाल चतुर्वेदी को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब मखनलाल चतुर्वेदी अध्ययन करने बैठें तो मखनलाल चतुर्वेदी को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और मखनलाल चतुर्वेदी की स्मरण शक्ति भी मखनलाल चतुर्वेदी की मदद करे। यदि मखनलाल चतुर्वेदी मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, मखनलाल चतुर्वेदी अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
मखनलाल चतुर्वेदी दूसरों की प्रशंसा करने में प्रायः कंजूसी करते हैं, जिस कारण मखनलाल चतुर्वेदी विरोध के पात्र बन जाते हैं। मखनलाल चतुर्वेदी के मन जो कुछ भी हो उसे आज से ही कहना आरम्भ करें। परिणामस्वरूप मखनलाल चतुर्वेदी लोगों से बेहतर सम्बन्ध पायेंगे।