मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू
Jan 24, 1962
12:00:00
Pithapuram
82 E 20
17 N 7
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को पता लगे कि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को यह मानकर चलना चाहिए कि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को अधिक की उम्मीद रहती है। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू के इतने परेशान रहने के कारण मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू परेशानी महसूस करते हैं। यदि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू की कल्पनाशीलता मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू अध्ययन करने बैठें तो मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू की स्मरण शक्ति भी मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू की मदद करे। यदि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
बच्चे मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने में अत्यधिक प्रेरणा देते हैं। मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को उनके प्रति कर्तव्य का अनुभव करना चाहिए। इस प्रेरणा का मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू को पूर्णतः प्रयोग करना चाहिए, लेकिन ये ध्यान रखें कि मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू वही कर रहे हैं जो मल्लिपुड़ी मंगपाठी पल्लम राजू करना चाहते हैं तथा सिर्फ उन्हें अपने कर्तव्यों के कारण ही नहीं कर रहे हैं।