मनमोहन सिंह
Sep 26, 1932
14:00:00
Jhelum
72 E 10
31 N 50
5
The Times Select Horoscopes
सटीक (स.)
मनमोहन सिंह एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, मनमोहन सिंह की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। मनमोहन सिंह अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण मनमोहन सिंह में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण मनमोहन सिंह जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।मनमोहन सिंह संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि मनमोहन सिंह को पता लगे कि मनमोहन सिंह का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो मनमोहन सिंह तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।मनमोहन सिंह के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि मनमोहन सिंह के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। मनमोहन सिंह के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि मनमोहन सिंह सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु मनमोहन सिंह अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः मनमोहन सिंह को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। मनमोहन सिंह को यह मानकर चलना चाहिए कि मनमोहन सिंह को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।मनमोहन सिंह वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। मनमोहन सिंह सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। मनमोहन सिंह के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह मनमोहन सिंह को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन मनमोहन सिंह को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
मनमोहन सिंह को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और मनमोहन सिंह को अधिक की उम्मीद रहती है। मनमोहन सिंह के इतने परेशान रहने के कारण मनमोहन सिंह को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। मनमोहन सिंह बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में मनमोहन सिंह परेशानी महसूस करते हैं। यदि मनमोहन सिंह अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।मनमोहन सिंह एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना मनमोहन सिंह को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव मनमोहन सिंह की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण मनमोहन सिंह की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही मनमोहन सिंह शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। मनमोहन सिंह के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और मनमोहन सिंह की कल्पनाशीलता मनमोहन सिंह को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि मनमोहन सिंह को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब मनमोहन सिंह अध्ययन करने बैठें तो मनमोहन सिंह को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और मनमोहन सिंह की स्मरण शक्ति भी मनमोहन सिंह की मदद करे। यदि मनमोहन सिंह मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, मनमोहन सिंह अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
मनमोहन सिंह अपने वैवाहिक जीवन के आनन्द को सदैव हीे बढ़ाना चाहते हैं। यदि बाह्य तथ्यों से मनमोहन सिंह को यह लगता है कि भौतिक सम्पन्नता जीवन के लिये नितान्त आवश्यक है, तो मनमोहन सिंह उसे प्राप्त करने के लिये पूर्ण प्रयास करते हैं। मनमोहन सिंह का लक्ष्य चाहें कुछ भी हो, लेकिन कार्य ही मनमोहन सिंह के लिये प्रेरणा है। इसे जानते हुए, न कि इसका विरोध करते हुए इसका ठीक इस्तेमाल करें।