मार्क लिंडसे
Mar 9, 1942
12:1:59
123 W 4, 44 N 3
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संदर्भ (स.)
मार्क लिंडसे के कुछ हद तक दार्शनिक चरित्र के हैं। मार्क लिंडसे एक विशाल हृदय वाले व्यक्ति हैं हालांकि थोड़े से मुंहफट भी हैं। मार्क लिंडसे काफी हद तक आत्मसम्मान के प्रति सचेत हैं और जो लोग मार्क लिंडसे के इस चारित्रिक गुण को समझते हैं, वे मार्क लिंडसे के अच्छे मित्र होते हैं।मार्क लिंडसे उच्च आदर्श रखते हैं, जिन्हें प्रायः वास्तविकता के धरातल पर नहीं उतारा जा सकता। परन्तु जब मार्क लिंडसे इसमें विफल होकर निराश हो जाते हैं तो मार्क लिंडसे इसी कारण अत्यन्त हीे व्यग्र हो जाते हैं, इसलिये मार्क लिंडसे समय से पूर्व ही कार्य के प्रति उदासीन हो जाते हैं। परिणामस्वरूप, मार्क लिंडसे जीवन में न तो सफलता और न ही प्रसन्नता, आराम की प्राप्ति कर पाते हैं, जो कि मार्क लिंडसे के गुणों को देखते हुए प्राप्त होनी चाहिए।मार्क लिंडसे जनता के समक्ष अपने मार्क लिंडसे को अभिव्यक्त करना जानते हैं और भगवान ने मार्क लिंडसे को प्रसन्नमुखी होने का वरदान दिया है। हंसमुख होने के कारण मार्क लिंडसे के अनेक मित्र हैं और मार्क लिंडसे उनका समय-समय पर मनोरंजन करते रहते हैं। मार्क लिंडसे के ऊपर मार्क लिंडसे के दोस्तों का प्रभाव देखा जा सकता है, लेकिन यह नितान्त आवश्यक है कि मार्क लिंडसे बुद्धिमत्तापूर्ण अपने मित्रों को चुनें।मार्क लिंडसे की विफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि मार्क लिंडसे बहुआयामी हैं, जिस कारणवश मार्क लिंडसे की शक्ति बहुत सी दिशाओं मेें विभक्त हो जाती है। कृपया एक ही दिशा में विचारपूर्वक कार्य करें, जिससे मार्क लिंडसे को अत्यन्त प्रसन्नता और लाभ प्राप्त होगा।
मार्क लिंडसे आदर्शवादी व प्रेरणादायक हैं, क्योंकि मार्क लिंडसे में अन्तर्निहित आध्यात्मिक विश्वास है। मार्क लिंडसे बहुत संवेदनशील, लोकप्रिय और दूसरों की भावनाओं की कद्र करने वाले हैं। मार्क लिंडसे ये जानते हैं कि जीवन की कठिनाइयाँ ही जीवन का पाठ हैं, जो कि मार्क लिंडसे को पूर्णता प्राप्ति के लिये सीखने पड़ेंगे और यही मार्क लिंडसे के सुख का प्रमुख कारण भी है।मार्क लिंडसे अपने अंदर गूढ़ रहस्य समाए हुए रहते हैं। इसी वजह से सामान्य विषयों से इतर मार्क लिंडसे की पकड़ कुछ ऐसे विषयों पर होगी जो हर किसी के बस की बात नहीं होगी। दूसरी ओर सामान्य शिक्षा की बात करें तो मार्क लिंडसे को उसमें चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। अत्यधिक मेहनत और लगन के साथ प्रयास करने पर ही शिक्षा में सफलता मिल सकती है। मार्क लिंडसे को नियमित रूप से अपनी विद्या के प्रति जागरूक रहना होगा और अभ्यास करना होगा ताकि मार्क लिंडसे विषयों को समझकर उन्हें अपने अंदर समाहित कर सकें। अक्सर मार्क लिंडसे बुरी संगति के शिकार हो जाते हैं। मार्क लिंडसे को इस ओर विशेष रुप से ध्यान देना चाहिए क्योंकि बुरी संगति के कारण मार्क लिंडसे की शिक्षा पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ऐसी संभावना है कि मार्क लिंडसे की शिक्षा में रुकावट आए। कई बार स्थितियां मार्क लिंडसे के विपरीत होंगी और मार्क लिंडसे को शिक्षा से विमुख कर सकती हैं, इसलिए मार्क लिंडसे को अपनी शिक्षा के मामले में गंभीरता से विचार करते हुए उस पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
मार्क लिंडसे की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि मार्क लिंडसे को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु मार्क लिंडसे का ऐसा सोचना सही नहीे है, मार्क लिंडसे उस दिशा में तभी जाएं यदि मार्क लिंडसे को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।