मोहन भागवत
Jan 1, 1950
12:0:0
Chandrapur
79 E 18
19 N 57
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
मोहन भागवत एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, मोहन भागवत की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। मोहन भागवत अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण मोहन भागवत में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण मोहन भागवत जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।मोहन भागवत संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि मोहन भागवत को पता लगे कि मोहन भागवत का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो मोहन भागवत तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।मोहन भागवत के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि मोहन भागवत के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। मोहन भागवत के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि मोहन भागवत सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु मोहन भागवत अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः मोहन भागवत को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। मोहन भागवत को यह मानकर चलना चाहिए कि मोहन भागवत को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।मोहन भागवत वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। मोहन भागवत सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। मोहन भागवत के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह मोहन भागवत को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन मोहन भागवत को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
कम समय में अधिक की लालसा के कारण मोहन भागवत अत्यधिक तनाव में रहते हैं, फिर भी अपनी जिद के कारण समय के साथ समझौता नहीं करते हैं। मोहन भागवत व्याकुलता के कारण, अपनी ऊर्जा का क्षय अनेक कार्यों को एक साथ करने के प्रयत्न में कर देते और यदा-कदा ही एक कार्य भी पूर्ण कर पाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में मोहन भागवत ‘माइग्रेन’ का शिकार हो सकते हैं और मोहन भागवत को विश्राम करने की कला सीखनी पड़ेगी। किसी भी तरह का संयुक्त शारीरिक व मानसिक व्यायाम जैसे योग आदि इस समस्या का सर्वश्रेष्ठ निदान है।मोहन भागवत के अंदर गंभीरता से सोचने और समझने की क्षमता है और इस वजह से मोहन भागवत किसी भी विषय पर अच्छी पकड़ रखेंगे। लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि मोहन भागवत उसकी गहराई तक जाने के लिए अधिक समय लेंगे इसलिए कभी-कभी मोहन भागवत को अपनी पढ़ाई से बोरियत हो सकती है। मोहन भागवत अपनी शिक्षा के क्षेत्र में अधिक मेहनत करेंगे और स्वभाव से अध्ययनशील होंगे। नियमित रूप से अध्ययन करना मोहन भागवत को काफी सहायता करेगा और इसी के दम पर मोहन भागवत अपनी शिक्षा को पूरा कर पाएंगे। संभव है मोहन भागवत को कभी कभी किसी विषय में समस्या का सामना करना पड़े और उसकी वजह से मोहन भागवत की पढ़ाई थोड़ी लंबी खिंच जाए, लेकिन निरंतर अभ्यास करने के कारण मोहन भागवत अंततः उसमें सफल हो कर ही रहेंगे। कई बार मोहन भागवत को अपनी मेहनत का उतना परिणाम प्राप्त नहीं होगा जितना मोहन भागवत उम्मीद करते हैं, लेकिन मोहन भागवत के ज्ञान की वृद्धि अप्रत्याशित रूप से होगी और यही मोहन भागवत को जीवन में सफल बनाएगी।
मोहन भागवत इस बात का अत्यन्त ध्यान रखते हैं कि अन्य लोग मोहन भागवत की बौद्धिक क्षमता का सम्मान किस तरह करते हैं और मोहन भागवत सम्मान पाने की दिशा में ही प्रयास करते हैं।