एन श्रीनिवासन
Jan 3, 1945
12:0:0
Pune
73 E 58
18 N 34
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
N. Srinivasan एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, N. Srinivasan की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। N. Srinivasan अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण N. Srinivasan में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण N. Srinivasan जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।N. Srinivasan संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि N. Srinivasan को पता लगे कि N. Srinivasan का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो N. Srinivasan तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।N. Srinivasan के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि N. Srinivasan के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। N. Srinivasan के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि N. Srinivasan सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु N. Srinivasan अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः N. Srinivasan को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। N. Srinivasan को यह मानकर चलना चाहिए कि N. Srinivasan को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।N. Srinivasan वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। N. Srinivasan सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। N. Srinivasan के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह N. Srinivasan को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन N. Srinivasan को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
N. Srinivasan वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् N. Srinivasan से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। N. Srinivasan की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता N. Srinivasan को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में N. Srinivasan की सहायता करती है। N. Srinivasan के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।N. Srinivasan लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। N. Srinivasan स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में N. Srinivasan की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी N. Srinivasan का ज्ञान और N. Srinivasan की शिक्षा। चाहे N. Srinivasan अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना N. Srinivasan की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही N. Srinivasan को सबसे अलग रखेगी। N. Srinivasan को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप N. Srinivasan अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। N. Srinivasan के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। N. Srinivasan को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति N. Srinivasan की भूख N. Srinivasan को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से N. Srinivasan की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी N. Srinivasan अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से N. Srinivasan की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
N. Srinivasan की कठिन परिश्रम की प्रेरणा का मूल धन प्राप्ति की कामना है, क्योंकि N. Srinivasan को लगता है कि भौतिक ऐश्वर्यपूर्ण वातावरण दूसरों से सम्मान पाने के लिये अनिवार्य है। परन्तु N. Srinivasan का ऐसा सोचना सही नहीे है, N. Srinivasan उस दिशा में तभी जाएं यदि N. Srinivasan को लगता है कि उस दिशा में सुख की प्राप्ति होगी।