नंदीता दास
Nov 7, 1969
12:00:00
New Delhi
77 E 12
28 N 36
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
नंदीता दास एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, नंदीता दास की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। नंदीता दास अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण नंदीता दास में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण नंदीता दास जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।नंदीता दास संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि नंदीता दास को पता लगे कि नंदीता दास का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो नंदीता दास तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।नंदीता दास के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि नंदीता दास के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। नंदीता दास के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि नंदीता दास सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु नंदीता दास अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः नंदीता दास को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। नंदीता दास को यह मानकर चलना चाहिए कि नंदीता दास को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।नंदीता दास वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। नंदीता दास सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। नंदीता दास के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह नंदीता दास को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन नंदीता दास को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
नंदीता दास को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और नंदीता दास को अधिक की उम्मीद रहती है। नंदीता दास के इतने परेशान रहने के कारण नंदीता दास को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। नंदीता दास बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में नंदीता दास परेशानी महसूस करते हैं। यदि नंदीता दास अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।नंदीता दास एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना नंदीता दास को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव नंदीता दास की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण नंदीता दास की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही नंदीता दास शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। नंदीता दास के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और नंदीता दास की कल्पनाशीलता नंदीता दास को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि नंदीता दास को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब नंदीता दास अध्ययन करने बैठें तो नंदीता दास को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और नंदीता दास की स्मरण शक्ति भी नंदीता दास की मदद करे। यदि नंदीता दास मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, नंदीता दास अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
नंदीता दास स्वयं को अभिव्यक्त करना पसन्द करते हैं और जब लोग देख रहे होते हैं तो नंदीता दास कार्य को बेहतर तरीके से करते हैं। यदि नंदीता दास मंचपर हों तो नंदीता दास अधिक श्रोताओं के सम्मुख अपेक्षाकृत उत्तम प्रदर्शन करते हैं।