नारायण गणेश चंदवारकर
Dec 2, 1855
12:00:00
Honavar
74 E 27
14 N 19
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
नारायण गणेश चंदवारकर एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, नारायण गणेश चंदवारकर की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। नारायण गणेश चंदवारकर अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण नारायण गणेश चंदवारकर में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण नारायण गणेश चंदवारकर जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।नारायण गणेश चंदवारकर संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि नारायण गणेश चंदवारकर को पता लगे कि नारायण गणेश चंदवारकर का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो नारायण गणेश चंदवारकर तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।नारायण गणेश चंदवारकर के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि नारायण गणेश चंदवारकर के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। नारायण गणेश चंदवारकर के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि नारायण गणेश चंदवारकर सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु नारायण गणेश चंदवारकर अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः नारायण गणेश चंदवारकर को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। नारायण गणेश चंदवारकर को यह मानकर चलना चाहिए कि नारायण गणेश चंदवारकर को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।नारायण गणेश चंदवारकर वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। नारायण गणेश चंदवारकर सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। नारायण गणेश चंदवारकर के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह नारायण गणेश चंदवारकर को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन नारायण गणेश चंदवारकर को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
नारायण गणेश चंदवारकर को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और नारायण गणेश चंदवारकर को अधिक की उम्मीद रहती है। नारायण गणेश चंदवारकर के इतने परेशान रहने के कारण नारायण गणेश चंदवारकर को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। नारायण गणेश चंदवारकर बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में नारायण गणेश चंदवारकर परेशानी महसूस करते हैं। यदि नारायण गणेश चंदवारकर अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।नारायण गणेश चंदवारकर एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना नारायण गणेश चंदवारकर को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव नारायण गणेश चंदवारकर की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण नारायण गणेश चंदवारकर की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही नारायण गणेश चंदवारकर शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। नारायण गणेश चंदवारकर के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और नारायण गणेश चंदवारकर की कल्पनाशीलता नारायण गणेश चंदवारकर को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि नारायण गणेश चंदवारकर को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब नारायण गणेश चंदवारकर अध्ययन करने बैठें तो नारायण गणेश चंदवारकर को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और नारायण गणेश चंदवारकर की स्मरण शक्ति भी नारायण गणेश चंदवारकर की मदद करे। यदि नारायण गणेश चंदवारकर मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, नारायण गणेश चंदवारकर अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
लोग यह कहते हैं कि हर सफल व्यक्ति के पीछे उससे प्रेम करने वाले का हाथ होता है, यह कहावत नारायण गणेश चंदवारकर पर पूर्णतः चरितार्थ होती है। नारायण गणेश चंदवारकर का जीवनसाथी नारायण गणेश चंदवारकर के उद्देश्य प्राप्ति में नारायण गणेश चंदवारकर को प्रेरित करेगा।