P. Chidambaram
Sep 16, 1945
11:47:21
Karaikkudi
78 E 46
10 N 4
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
P. Chidambaram एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, P. Chidambaram की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। P. Chidambaram अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण P. Chidambaram में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण P. Chidambaram जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।P. Chidambaram संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि P. Chidambaram को पता लगे कि P. Chidambaram का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो P. Chidambaram तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।P. Chidambaram के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि P. Chidambaram के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। P. Chidambaram के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि P. Chidambaram सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु P. Chidambaram अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः P. Chidambaram को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। P. Chidambaram को यह मानकर चलना चाहिए कि P. Chidambaram को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।P. Chidambaram वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। P. Chidambaram सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। P. Chidambaram के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह P. Chidambaram को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन P. Chidambaram को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
P. Chidambaram को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और P. Chidambaram को अधिक की उम्मीद रहती है। P. Chidambaram के इतने परेशान रहने के कारण P. Chidambaram को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। P. Chidambaram बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में P. Chidambaram परेशानी महसूस करते हैं। यदि P. Chidambaram अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।P. Chidambaram एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना P. Chidambaram को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव P. Chidambaram की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण P. Chidambaram की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही P. Chidambaram शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। P. Chidambaram के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और P. Chidambaram की कल्पनाशीलता P. Chidambaram को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि P. Chidambaram को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब P. Chidambaram अध्ययन करने बैठें तो P. Chidambaram को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और P. Chidambaram की स्मरण शक्ति भी P. Chidambaram की मदद करे। यदि P. Chidambaram मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, P. Chidambaram अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
P. Chidambaram को ऐसा लगता है कि जब P. Chidambaram के पास धन और भौतिक ऐश्वर्य होगा तभी लोग P. Chidambaram का सम्मान करेंगे। किन्तु यह सत्य नहीं है, अतः P. Chidambaram वही कार्य करें जो P. Chidambaram करना चाहते हैं।