पी सथाशिवम
Apr 27, 1949
12:0:0
Erode
77 E 43
11 N 21
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
P. Sathasivam एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, P. Sathasivam की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। P. Sathasivam अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण P. Sathasivam में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण P. Sathasivam जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।P. Sathasivam संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि P. Sathasivam को पता लगे कि P. Sathasivam का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो P. Sathasivam तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।P. Sathasivam के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि P. Sathasivam के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। P. Sathasivam के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि P. Sathasivam सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु P. Sathasivam अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः P. Sathasivam को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। P. Sathasivam को यह मानकर चलना चाहिए कि P. Sathasivam को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।P. Sathasivam वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। P. Sathasivam सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। P. Sathasivam के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह P. Sathasivam को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन P. Sathasivam को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
P. Sathasivam को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और P. Sathasivam को अधिक की उम्मीद रहती है। P. Sathasivam के इतने परेशान रहने के कारण P. Sathasivam को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। P. Sathasivam बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में P. Sathasivam परेशानी महसूस करते हैं। यदि P. Sathasivam अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।P. Sathasivam एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना P. Sathasivam को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव P. Sathasivam की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण P. Sathasivam की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही P. Sathasivam शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। P. Sathasivam के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और P. Sathasivam की कल्पनाशीलता P. Sathasivam को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि P. Sathasivam को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब P. Sathasivam अध्ययन करने बैठें तो P. Sathasivam को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और P. Sathasivam की स्मरण शक्ति भी P. Sathasivam की मदद करे। यदि P. Sathasivam मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, P. Sathasivam अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
P. Sathasivam की सफलता में P. Sathasivam के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए P. Sathasivam अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।