पी.वी. नरसिम्हा राव
Jun 28, 1921
11:30:00
Karimnagar
79 E 6
18 N 27
5.5
Kundli Sangraha (Bhat)
सटीक (स.)
P. V. Narasimha Rao एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, P. V. Narasimha Rao की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। P. V. Narasimha Rao अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण P. V. Narasimha Rao में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण P. V. Narasimha Rao जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।P. V. Narasimha Rao संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि P. V. Narasimha Rao को पता लगे कि P. V. Narasimha Rao का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो P. V. Narasimha Rao तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।P. V. Narasimha Rao के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि P. V. Narasimha Rao के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। P. V. Narasimha Rao के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि P. V. Narasimha Rao सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु P. V. Narasimha Rao अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः P. V. Narasimha Rao को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। P. V. Narasimha Rao को यह मानकर चलना चाहिए कि P. V. Narasimha Rao को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।P. V. Narasimha Rao वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। P. V. Narasimha Rao सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। P. V. Narasimha Rao के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह P. V. Narasimha Rao को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन P. V. Narasimha Rao को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
P. V. Narasimha Rao को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और P. V. Narasimha Rao को अधिक की उम्मीद रहती है। P. V. Narasimha Rao के इतने परेशान रहने के कारण P. V. Narasimha Rao को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। P. V. Narasimha Rao बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में P. V. Narasimha Rao परेशानी महसूस करते हैं। यदि P. V. Narasimha Rao अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।P. V. Narasimha Rao एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना P. V. Narasimha Rao को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव P. V. Narasimha Rao की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण P. V. Narasimha Rao की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही P. V. Narasimha Rao शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। P. V. Narasimha Rao के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और P. V. Narasimha Rao की कल्पनाशीलता P. V. Narasimha Rao को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि P. V. Narasimha Rao को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब P. V. Narasimha Rao अध्ययन करने बैठें तो P. V. Narasimha Rao को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और P. V. Narasimha Rao की स्मरण शक्ति भी P. V. Narasimha Rao की मदद करे। यदि P. V. Narasimha Rao मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, P. V. Narasimha Rao अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
लोग यह कहते हैं कि हर सफल व्यक्ति के पीछे उससे प्रेम करने वाले का हाथ होता है, यह कहावत P. V. Narasimha Rao पर पूर्णतः चरितार्थ होती है। P. V. Narasimha Rao का जीवनसाथी P. V. Narasimha Rao के उद्देश्य प्राप्ति में P. V. Narasimha Rao को प्रेरित करेगा।