प्रभु देवा
Apr 3, 1973
12:00:00
Mysore
76 E 37
12 N 18
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Prabhu Deva एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Prabhu Deva की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Prabhu Deva अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Prabhu Deva में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Prabhu Deva जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Prabhu Deva संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Prabhu Deva को पता लगे कि Prabhu Deva का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Prabhu Deva तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Prabhu Deva के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Prabhu Deva के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Prabhu Deva के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Prabhu Deva सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Prabhu Deva अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Prabhu Deva को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Prabhu Deva को यह मानकर चलना चाहिए कि Prabhu Deva को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Prabhu Deva वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Prabhu Deva सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Prabhu Deva के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Prabhu Deva को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Prabhu Deva को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Prabhu Deva वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् Prabhu Deva से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। Prabhu Deva की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता Prabhu Deva को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में Prabhu Deva की सहायता करती है। Prabhu Deva के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।Prabhu Deva लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। Prabhu Deva स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में Prabhu Deva की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी Prabhu Deva का ज्ञान और Prabhu Deva की शिक्षा। चाहे Prabhu Deva अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना Prabhu Deva की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही Prabhu Deva को सबसे अलग रखेगी। Prabhu Deva को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप Prabhu Deva अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। Prabhu Deva के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। Prabhu Deva को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति Prabhu Deva की भूख Prabhu Deva को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से Prabhu Deva की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी Prabhu Deva अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से Prabhu Deva की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
Prabhu Deva की सफलता में Prabhu Deva के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए Prabhu Deva अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।