पृथ्वीराज सुकुमारन
Oct 16, 1982
12:00:00
Thiruvananthapuram
76 E 55
8 N 29
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Prithviraj Sukumaran एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Prithviraj Sukumaran की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Prithviraj Sukumaran अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Prithviraj Sukumaran में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Prithviraj Sukumaran जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Prithviraj Sukumaran संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Prithviraj Sukumaran को पता लगे कि Prithviraj Sukumaran का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Prithviraj Sukumaran तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Prithviraj Sukumaran के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Prithviraj Sukumaran के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Prithviraj Sukumaran के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Prithviraj Sukumaran सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Prithviraj Sukumaran अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Prithviraj Sukumaran को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Prithviraj Sukumaran को यह मानकर चलना चाहिए कि Prithviraj Sukumaran को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Prithviraj Sukumaran वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Prithviraj Sukumaran सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Prithviraj Sukumaran के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Prithviraj Sukumaran को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Prithviraj Sukumaran को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Prithviraj Sukumaran को प्रायः निराशा का सामना करना पडता है और Prithviraj Sukumaran को अधिक की उम्मीद रहती है। Prithviraj Sukumaran के इतने परेशान रहने के कारण Prithviraj Sukumaran को जिन बातों का डर लगता है वह प्रायः घटित हो जाती हैं। Prithviraj Sukumaran बहुत शर्मीले हैं, और स्वयं की अनुभूति एवं भावनाओं को व्यक्त करने में Prithviraj Sukumaran परेशानी महसूस करते हैं। यदि Prithviraj Sukumaran अपनी सारी सांसारिक समस्याओं को भूलकर प्रतिदिन कुछ क्षण ध्यान मुद्रा में बैठेंगे, तो पायेंगे कि दुनिया उतनी बुरी नहीं है जितनी प्रतीत होती है।Prithviraj Sukumaran एक ही स्थान पर टिककर रहने वालों में से नहीं होंगे और इसी वजह से अधिक समय तक अध्ययन करना Prithviraj Sukumaran को रास नहीं आएगा। इसका प्रभाव Prithviraj Sukumaran की शिक्षा पर पड़ सकता है और उसके कारण Prithviraj Sukumaran की शिक्षा में कुछ रुकावटें आ सकती है। अपने आलस्य पर विजय प्राप्त करने के बाद ही Prithviraj Sukumaran शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। Prithviraj Sukumaran के अंदर अज्ञात को जानने की तीव्र उत्कंठा है और Prithviraj Sukumaran की कल्पनाशीलता Prithviraj Sukumaran को अपने विषयों में काफी हद तक सफलता दिलाएगी। इसका दूसरा पक्ष यह है कि Prithviraj Sukumaran को अपनी एकाग्रता को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि जब Prithviraj Sukumaran अध्ययन करने बैठें तो Prithviraj Sukumaran को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े और Prithviraj Sukumaran की स्मरण शक्ति भी Prithviraj Sukumaran की मदद करे। यदि Prithviraj Sukumaran मन लगाकर मेहनत करेंगे और अपनी शिक्षा के प्रति आशान्वित रहेंगे तो कितने भी व्यवधान आएं, Prithviraj Sukumaran अपने क्षेत्र में सफल होकर ही रहेंगे।
Prithviraj Sukumaran की सफलता में Prithviraj Sukumaran के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए Prithviraj Sukumaran अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।