प्रियदर्शन
Jan 30, 1957
12:00:0
Thiruvananthapuram
76 E 54
8 N 29
5.5
Unknown
अप्रामाणिक स्रोत (अ.स्रो.)
Priyadarshan एक व्यावहारिक और क्षमतावान व्यक्ति हैं, Priyadarshan की योग्यता पर कोई भी प्रश्नचिह्न नहीं लगा सकता। Priyadarshan अनुशासित हैं और व्यवस्था को पसन्द करते हैं। ये गुण Priyadarshan में पर्याप्त विकसित हैं और छोटी से छोटी बातों पर आवश्यकता से अधिक ध्यान देने के कारण Priyadarshan जीवन की बृहत उपलब्धियों को प्राप्त नहीं कर पाते।Priyadarshan संवेदनशील और सहृदय हैं। यदि Priyadarshan को पता लगे कि Priyadarshan का कोई निकट व्यक्ति अत्यन्त पीड़ा व दुःख में है, तो Priyadarshan तुरन्त उसकी सहायता हेतु पहुँच जाते हैं।Priyadarshan के अन्दर हिचकिचाहट है। यद्यपि Priyadarshan के भीतर संसार में अपना मार्ग बनाने की क्षमता है। Priyadarshan के अन्दर इतनी ऊर्जा है कि Priyadarshan सफलता की किसी भी सीड़ी पर चढ़ सकें। किन्तु Priyadarshan अपनी हिचकिचाहट के कारण अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाते, जबकि अन्य कम क्षमतावान लोग वहां तक पहुंच जाते हैं। अतः Priyadarshan को अपनी काल्पनिक सीमाओं के बारे में सोचना नहीं चाहिए। Priyadarshan को यह मानकर चलना चाहिए कि Priyadarshan को सफलता मिलेगी हीे मिलेगी।Priyadarshan वास्तविक तथा व्यावहारिक सोच रखते हैं। Priyadarshan सदैव कुछ न कुछ प्राप्त करना चाहते हैं। Priyadarshan के अन्तःकरण में कुछ पाने की इच्छा सदैव दीप्तिमान रहती है। यह Priyadarshan को कभी-कभी व्यग्र बना देता है। लेकिन Priyadarshan को अपनी उपलब्धियों पर सदैव हीे गर्व रहता है।
Priyadarshan वस्तु व व्यक्ति के आर-पार देख सकते हैं,अर्थात् Priyadarshan से कुछ भी छुपाना सम्भव नहीं है। Priyadarshan की अन्तर्दृष्टि की यही स्पष्टता Priyadarshan को विपक्षियों से पार पाने में व सन्तोष प्राप्त करने में Priyadarshan की सहायता करती है। Priyadarshan के अन्दर परिस्थितियों को तुरन्त समझने की एवं समस्याओं के त्वरित निराकरण की क्षमता है।Priyadarshan लक्ष्य पर नियंत्रित रहने वाले हैं और किसी का भी दबाव महसूस नहीं करते। Priyadarshan स्वभाविक तौर पर एक विद्वान होंगे और समाज में Priyadarshan की छवि एक प्रतिष्ठित और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में होगी। इसकी वजह होगी Priyadarshan का ज्ञान और Priyadarshan की शिक्षा। चाहे Priyadarshan अन्य चीजों को त्याग दें लेकिन शिक्षा में बेहतर करना Priyadarshan की सबसे पहली प्राथमिकता होगी और यही Priyadarshan को सबसे अलग रखेगी। Priyadarshan को अपने जीवन में अनेक ज्ञानी और प्रतिष्ठित लोगों के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा और उसके परिणामस्वरुप Priyadarshan अपनी शिक्षा को उन्नत बना पाएंगे। Priyadarshan के अंदर सहज रूप से ज्ञान मौजूद है। Priyadarshan को केवल स्वयं को उन्नत बनाते हुए उस ज्ञान को अपने निजी जीवन में समाहित करने का प्रयास करना होगा। ज्ञान के प्रति Priyadarshan की भूख Priyadarshan को सबसे आगे रखेगी और इसी वजह से Priyadarshan की गिनती विद्वानों में होगी। कभी-कभी Priyadarshan अति स्वतंत्रता का शिकार हो जाते हैं, जिसकी वजह से Priyadarshan की शिक्षा बाधित हो सकती है, इसलिए इस से बचने का प्रयास करें।
Priyadarshan की सफलता में Priyadarshan के सहकर्मी प्रेरणा का काम करते हैं। अतः अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए Priyadarshan अन्य लोगों पर निर्भर रह सकते हैं।